Kanpur Business News: बढ़ने के बाद एक सप्ताह में आठ फीसद तक गिरे लोहे के भाव, संकट में कारोबारी

लोहे के भाव अचानक बढ़ने से सभी परेशान थे । महंगी कीमत पर लोहा खरीदने वाले कारोबारियों को मुश्किल हो गई है। लेकिन वहीं दूसरी ओर जिन्होंने भाव बढ़ने पर काम रोक दिया था उन्हें राहत मिली है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 11:08 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 11:08 AM (IST)
Kanpur Business News: बढ़ने के बाद एक सप्ताह में आठ फीसद तक गिरे लोहे के भाव, संकट में कारोबारी
कानपुर में लाहे की कीमतों में गिरावट आई है।

कानपुर, जेएनएन। अक्टूबर के अंत में लोहे के भाव जितनी तेजी से बढ़े थे, पिछले एक सप्ताह में भाव उतनी ही तेजी से गिरे हैं। इस दौरान भाव आठ फीसद तक नीचे आ चुके हैं। लोहे की भाव बढ़ने से जहां कारोबारी परेशान थे, अब कीमतें गिरने से भी कारोबारियों पर संकट मंडरा रहा है। सबसे ज्यादा परेशान वे कारोबारी हैं जिन्होंने इस दौरान बढ़ी हुई कीमतों पर माल खरीद लिया और अब कीमतें नीचे हैं। हालांकि जिन्होंने भाव बढ़ने के बाद काम रोक दिया था, वे अब राहत महसूस कर रहे हैं।

कानपुर में लोहे की प्रति माह करीब 25 हजार टन की खपत होती है। लोहे के भाव अक्टूबर के अंत से जनवरी के पहले सप्ताह तक 50 फीसद से ज्यादा बढ़ गए थे। 35 रुपये वाली सरिया, एंगल, गार्डर, चैनल, पटिया आदि 60 रुपये किलो का भाव पार कर गए थे। इसी तरह एचआर क्वाइल चादर 40 रुपये से 72 रुपये की सीमा पार कर गई थी। 70 रुपये वाली प्रोफाइल शीट 125 रुपये पहुंच गई थी लेकिन पिछले एक सप्ताह में कीमतों में काफी बदलाव आया। जो भाव तेजी से बढ़ रहे थे, वे उसी तेजी से नीचे गिरने लगे। पिछले एक सप्ताह में भाव करीब आठ फीसद तक गिर चुके हैं। लोहा कारोबारी उमंग अग्रवाल के मुताबिक बाजार में भाव गिरने का एक बड़ा कारण बिक्री बिल्कुल ना होना है।

बाजार में पूरी तरह सन्नाटा है। ज्यादातर कारोबारियों के पास स्टाक नहीं है। रेट में तेज वृद्धि की वजह से ग्राहक नहीं आ रहे थे। कीमतों के अभी और गिरने की उम्मीद है। कानपुर लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अतुल द्विवेदी के मुताबिक सरिया, एंगल आदि में रेट गिरे हैं लेकिन कढ़ाही, तवा, फावड़ा, बेलचा आदि के भाव में कोई कमी नहीं हुई है। इनके भाव अब भी बढ़े हुए हैं।

chat bot
आपका साथी