कानपुर में ब्लैक फंगस से पहली मौत, हैलट अस्पताल में भर्ती थी एचआइवी पीड़ित महिला

कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस से पहली मौत को लेकर स्वास्थ्य महकमे में अफरा तफरी मच गई है। हमीरपुर की रहने वाली साठ वर्षीय महिला को एक दिन पहले भर्ती किया गया था। संक्रमण के चलते ब्रेन में ब्लीडिंग हो गई थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 12:52 PM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 12:52 PM (IST)
कानपुर में ब्लैक फंगस से पहली मौत, हैलट अस्पताल में भर्ती थी एचआइवी पीड़ित महिला
कानपुर में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ा।

कानपुर, जेएनएन। खतरनाक हो चुके ब्लैक फंगस से शहर में शनिवारी को पहली मौत से स्वास्थ्य महकमे में अफरा तफरी का माहौल है। हमीरपुर जिले की रहने वाली महिला की जीएवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में मौत हुई है। एचआइवी पॉजिटिव 60 वर्षीय महिला में ब्लैक फंगस के लक्षण मिलने पर हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्वजन उसे गंभीर हालत में हैलट इमरजेंसी में लेकर आए थे, जांच में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

हमीरपुर की रहने वाली महिला को स्वजन गुरुवार रात दो बजे हैलट अस्पताल लेकर आए थे। एचआइवी पॉजिटिव होने की वजह से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से की कम थी और उसका ऑक्सीजन लेवल भी 50 फीसद था। आंखें बाहर निकलने के अलावा उसे झटके भी आ रहे थे। डॉक्टरों ने भर्ती करने के बाद कोरोना की जांच के लिए सैंपलिंग कराई थी और न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह को अवगत कराया।

उन्होंने सीटी स्कैन जांच कराई गई, जिसमें ब्लैक फंगस का संक्रमण नाक, साइनस, आर्बिटल, आंख से ब्रेन तक पहुंच चुका था। म्यकर माइकोसिस के संक्रमण से ब्रेन की नसों में ब्लॉक हो गया था। ब्रेन में ब्लीडिंग होने से उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। डॉक्टरों ने एमआरआइ एवं ब्रेन की सीटी एंजियोग्राफी कराने की तैयारी की थी, लेकिन देर रात दम तोड़ दिया। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि 50 फीसद ऑक्सीजन लेवल पर भर्ती हुई थी। एचआइवी संक्रमित होने की वजह से काफी कमजोर थी। ऐसे में कोरोना और ब्लैक फंगस के संक्रमण से हालत और बिगड़ गई थी। शनिवार को उसकी बायोप्सी लेने की तैयारी थी, लेकिन भोर में ही उसकी मौत हो गई। ब्लैक फंगस से यह पहली मौत है।

छह नए संक्रमित हुए भर्ती

हैलट अस्पताल में शुक्रवार को छह नए ब्लैक फंगस के लक्षण वाले संक्रमित भर्ती हुए हैं। उसमें से दो की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। दोनों उम्रदराज हैं। एक के ब्रेन की नस में खून का थक्का जमा हुआ है, दूसरे संक्रमित के ब्रेन में चोट जैसी दिख रही है। अब हैलट में ब्लैक फंगस से पीडि़त दो मरीज हैं, जबकि लक्षण वाले 10 संक्रमित हैं। प्राचार्य का कहना है कि तेजी से संक्रमितों की संख्या बढऩे लगी है।

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