100 कमजोर बूथ पर जाकर उसे मजबूत करेंगे सांसद, वर्चुअल बैठक में प्रदेश नेतृत्व देंगे दिशा निर्देश

भाजपा ने अब संसदीय क्षेत्रों में अभी से तैयारी शुरू कर दी है और सबसे कमजोर 100 बूथों पर सांसद दौरा करके माहौल बनाएंगे। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व के साथ वर्चुअल बैठक में दिशा निर्देश मिलने के बाद बूथ चलो अभियान शुरू किया जाएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 24 May 2022 05:39 PM (IST) Updated:Tue, 24 May 2022 05:39 PM (IST)
100 कमजोर बूथ पर जाकर उसे मजबूत करेंगे सांसद, वर्चुअल बैठक में प्रदेश नेतृत्व देंगे दिशा निर्देश
भाजपा शुरू कर रही बूथ चलो अभियान।

कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी के सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में सबसे कमजोर 100 बूथ पर जाकर वहां अपने मतों को मजबूत करेंगे। इसके लिए बुधवार को सुबह वर्चुअल बैठक होगी, जिसमें प्रदेश नेतृत्व के साथ जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, सांसद, कार्यक्रम संजोयक भी होंगे। इस वर्चुअल बैठक के साथ ही पार्टी का बूथ चलो अभियान शुरू हो जाएगा।

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अभी से सांसदों को मैदान में उतारने का मन बना लिया है। पार्टी ने अपने सांसदों से कह दिया है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के 100 बूथों में संपर्क करें। ये वे बूथ होंगे जिनमें पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 में विधानसभा चुनाव में सबसे कम वोट हासिल किए हैं और उनकी बढ़त इन बूथों की वजह से कम हो गई। पार्टी मान रही है कि इन कमजोर बूथ में सांसद अगर खुद पहुंचे और मतदाताओं से बात की तो बड़ा वोट प्रतिशत अपने पक्ष में किया जा सकता है।

पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में अभी करीब 100 सप्ताह का ही समय है। इसलिए हर सप्ताह कम से कम एक बूथ तो सांसद निपटा ही सकते हैं। इस अभियान में उनके साथ जिलाध्यक्ष भी लगेंगे। कानपुर में भाजपा के तीन जिले हैं। इसमें उत्तर जिला में आर्यनगर, सीसामऊ और गोविंदनगर कानपुर संसदीय क्षेत्र में आते हैं, वहीं कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र अकबरपुर लोकसभा सीट में आती है। दूसरी ओर दक्षिण में किदवई नगर और कैंट विधानसभा क्षेत्र कानपुर संसदीय क्षेत्र में आते हैं वहीं महाराजपुर अकबरपुर लोकसभा सीट में। ग्रामीण क्षेत्र में बिठूर और घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में आते हैं लेकिन बिल्हौर मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में आती है। वर्चुअल बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष एक साथ मौजूद रहेंगे ताकि विधानसभा क्षेत्र का कोई विवाद ना फंसे।

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