गांवों में भी भाजपा की 'सरकार' बनाने की तैयारी, प्रधान और बीडीसी के चुनाव में उतारेगी प्रत्याशी

मंडल प्रभारियों के साथ बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने रणनीति बनाई है।

By Edited By: Publish:Sun, 15 Mar 2020 01:37 AM (IST) Updated:Sun, 15 Mar 2020 09:57 AM (IST)
गांवों में भी भाजपा की 'सरकार' बनाने की तैयारी, प्रधान और बीडीसी के चुनाव में उतारेगी प्रत्याशी
गांवों में भी भाजपा की 'सरकार' बनाने की तैयारी, प्रधान और बीडीसी के चुनाव में उतारेगी प्रत्याशी

कानपुर, जेएनएन। पंचायत की राजनीति से दूर रहने वाली भाजपा अब ग्राम प्रधान और बीडीसी चुनाव में भी पार्टी समर्थित प्रत्याशी भी उतारेगी। यही नहीं सहकारिता चुनाव में पार्टी समाजवादी पार्टी का वर्चस्व भी तोड़ेगी। कानपुर-बुंदेलखंड के 17 जिलों से आए मंडल प्रभारियों की बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने इसकी रणनीति बनाई। उन्होंने इसके साथ ही एमएलसी चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक की जिम्मेदारी मंडल प्रभारियों को सौंपी है।

शास्त्रीनगर के एक गेस्ट हाउस में क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक हुई, जिसमें जिलाध्यक्षों के अलावा 254 मंडल प्रभारियों ने हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि सुनील बंसल ने कहा कि मंडल प्रभारी का दायित्व बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। यही वजह है कि इस बार गैर जिले के वरिष्ठजनों, पूर्व विधायकों, पूर्व अध्यक्षों आदि को यह जिम्मेदारी दी गई है।

ऐसा भी नहीं है कि इन प्रभारियों को पार्टी में अन्य पद या सरकारी विभागों में पद नहीं दिए जा सकेंगे। कहा कि सभी मंडल प्रभारी महीने में चार दिन अपने मंडल में अवश्य प्रवास करेंगे। कहा कि मंडल प्रभारी तीन वर्ष तक अपने दायित्व निभाएंगे। इस दौरान एमएलसी चुनाव, पंचायत चुनाव, सहकारिता चुनाव और विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी अनुरूप तैयारी करें। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के लिए अलग से प्रभारी घोषित किए जाएंगे, लेकिन यदि ऐसे लोग चुनाव लडऩा चाहते हैं तो वे पहले बता दें। क्योंकि चुनाव प्रभारी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। कहा कि दो अप्रैल को रामनवमी के बाद यह काम अभियान के रूप में आरंभ कर दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने जिलाध्यक्षों से भी अपडेट लिया और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।

प्रदेश महामंत्री का मंत्र

प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने कहा कि सफलता के लिए पांच मूलमंत्र हैं। जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। यह हैं पूर्व योजना, पूर्ण योजना, क्रियान्वयन, समीक्षा और अनुवर्तन। उन्होंने सभी नेताओं को सामाजिक कार्यों में अधिक भागीदारी की भी सीख दी।

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