वो प्रहरी बने चमन के और चाहते हैं अमन, भारत एक परिवार है उनकी मंजिल

सांप्रदायिक सौहार्द के लिए कानपुर के जाजमऊ में बालयोगी अरुण पुरी और मौलाना गुलाम कादिर मिसाल बन गए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 09:37 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 09:37 AM (IST)
वो प्रहरी बने चमन के और चाहते हैं अमन, भारत एक परिवार है उनकी मंजिल
वो प्रहरी बने चमन के और चाहते हैं अमन, भारत एक परिवार है उनकी मंजिल

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। अपने देश, शहर और मोहल्ले रूपी चमन में खिले हर फूल को वह अमन (शांति) के बीच पलते देखना चाहते हैं। इसीलिए प्रहरी बनकर निकल पड़े हैं। हर धर्म के लोगों को एक सूत्र में जोड़े रखने के लिए भारत एक परिवार अभियान के तहत भाईचारा से ही देश की तरक्की का संदेश देकर एकजुटता लाने में सफल भी हुए हैं। यह शख्सियत हैं सिद्धिधाम आश्रम जाजमऊ के पीठाधीश्वर स्वामी बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य और जाजमऊ स्थित ईदगाह के नायब इमाम मौलाना गुलाम कादिर जाहिदी, जो अपने करीबियों के साथ मिलकर सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने की अलख जगा रहे हैं।

युवाओं को करते हैं प्रेरित

जाजमऊ और उसके आसपास जब भी कहीं कोई सांप्रदायिक सौहार्द पर चोट करने की कोशिश करता है या आशंका दिखती है तो बालयोगी अरुण पुरी चैतन्य, मौलाना गुलाम कादिर जाहिदी, मौलाना अतीकुर्रहमान व मौलाना जमाल अहमद फौरन सक्रिय हो जाते हैं। दोनों ही पक्षों के साथ बैठक कर उन्हें शांत कराते हैं। यही वजह है कि पीस कमेटी की प्रत्येक बैठक में उनकी भागीदारी रहती है।

वे युवाओं को प्रेरित करते हैं। इसके लिए गोष्ठियों व कार्यशालाओं में महज भाषण नहीं देते हैं, बल्कि जैसे आचरण के लिए दूसरों को प्रेरित करते हैं, वैसा ही खुद करते हैं। इसीलिए जाजमऊ व आसपास क्षेत्र में लोग एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं। किसी भी त्योहार, पर्व या प्रशासनिक पहल पर क्षेत्र में घूमकर सबको एकजुटता की सीख देते हैं।

सर्वे भवंतु सुखिन: के सिद्धांत पर काम

क्षेत्र में अमन बनाए रखने के लिए भारत एक परिवार के सभी साथी माह में कम से कम एक बार साथ जरूर बैठते हैं। कभी-कभी कई बैठकें भी हो जाती हैं। अभियान से जुड़े युवा भी शामिल होते हैं। बालयोगी अरुणपुरी बताते हैं कि सर्वे भवंतु सुखिन: के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। वहीं, मौलाना कादिर जाहिदी कहते हैं कि हमारी ताकत ही आपसी भाईचारा है। यह एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ होने से ही बढ़ती है। युवा पीढ़ी को भी इसकी सीख दे रहे हैं।

अयोध्या मुद्दे पर फैसले के दौरान रखी थी निगाह

अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर सांप्रदायिक सौहार्द बेहतर रखने के लिए बालयोगी व मौलाना ने मिलकर पूरे क्षेत्र में अभियान चलाकर निगाह रखी थी। इसी तरह सीएए को लेकर शहर के कई हिस्सों में हिंसा भड़की पर उनके प्रयासों से जाजमऊ शांत रहा था।

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