राजकीय आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सालयों में होगा लाभार्थियों का इलाज

आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य) स्वास्थ्य योजना के लाभार्थी अब आयुष चिकित्सा पद्धति से भी इलाज करा सकेंगे। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, युनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी और योग से जन-जन को लाभान्वित करने को यह निर्णय लिया है। इसके लिए आयुष मंत्रालय ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 01:43 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 01:43 AM (IST)
राजकीय आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सालयों में होगा लाभार्थियों का इलाज
राजकीय आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सालयों में होगा लाभार्थियों का इलाज

जागरण संवाददाता, कानपुर : आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य) स्वास्थ्य योजना के लाभार्थी अब आयुष चिकित्सा पद्धति से भी इलाज करा सकेंगे। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, युनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी और योग से जन-जन को लाभान्वित करने को यह निर्णय लिया है। इसके लिए आयुष मंत्रालय ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आयुष्मान भारत योजना में आयुष चिकित्सा पद्धतियों को शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने एक समिति बनाई है। जो इलाज एवं उससे संबंधित पैकेज तैयार करेगी। इसकी तैयारी में नोडल अधिकारी डॉ. सुलोचना भट्ट जुटी हैं।

पांच लाख तक का होगा इलाज

आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी परिवार साल में पांच लाख रुपये का इलाज करा सकेंगे। योजना के तहत इलाज के अलग-अलग पैकेज निर्धारित हैं।

सभी एम्स में भी आयुष से इलाज

देश के सभी एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में आयुष से इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रधानमंत्री की पहल पर आयुष मंत्रालय ने तैयारी शुरू कर दी है।

जिले में पात्र लाभार्थी

95,000 लाभार्थी शहरी क्षेत्र

1,10,000 लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र

05 लाख रुपये तक का पात्र परिवार करा सकेगा इलाज

औषधि, पंचकर्म, क्षारसूत्र चिकित्सा, युनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी और योग

ये परिवार होंगे पात्र

ग्रामीण क्षेत्र : बेघर, भीख मागकर आजीविका चलाने वाले, साफ-सफाई करने वाले, आदिम जनजातीय, बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए व्यक्ति, कच्चे मकान वाले, मनरेगा श्रमिक।

नगरीय क्षेत्र : निर्माण मजदूर, खान मजदूर, लाइसेंसी रेलवे कुली, रेहड़ी दुकानदार, बीड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, कचरा बीनने वाले, ऑटो-टैक्सी ड्राइवर।

यह हैं पात्र

कच्चे मकान या छप्पर के घर वाले परिवार

दिव्यांग, जिनके परिवार में शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्ति न हो।

एससी/एसटी परिवार और भूमिहीन परिवार, जिनके आय का मुख्य श्रोत मजदूरी हो।

बोले जिम्मेदार

आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी आयुष चिकित्सा पद्धति से भी इलाज करा सकेंगे। इसके क्रियान्वयन को आयुष मंत्रालय ने समिति बनाई है। जो पूरी रूपरेखा तैयार कर रही है। जल्द ही इसे देशभर में लागू किया जाएगा।

- डॉ. निरंकार गोयल, पूर्व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी।

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