बोलेरो में बैठाकर यात्रियों को लूटने वाले गिरफ्तार

वाहनों में सवारी बैठाकर उन्हें लूटने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को स्वाट टीम व चकेरी पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Mar 2019 01:46 AM (IST) Updated:Mon, 04 Mar 2019 01:46 AM (IST)
बोलेरो में बैठाकर यात्रियों को लूटने वाले गिरफ्तार
बोलेरो में बैठाकर यात्रियों को लूटने वाले गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, कानपुर : वाहनों में सवारी बैठाकर उन्हें लूटने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को स्वाट टीम व चकेरी पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरोह ने पिछले दिनों चकेरी में सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता और एक बैंक अधिकारी को लूटा था। इसके अलावा कानपुर देहात व कन्नौज में भी गिरोह के सदस्य आधा दर्जन वारदातों को अंजाम दे चुके है। आरोपितों के पास से 31 हजार रुपये, जेवरात, तमंचा व बोलेरो बरामद हुई है।

28 जनवरी को रामादेवी चौराहे पर सिविल लाइन निवासी अधिशासी अभियंता बद्रीप्रसाद त्रिपाठी को बोलेरो में बैठाकर उनसे रुपये, चेन व अंगूठी लूट ली गई थी। बदमाश उन्हें रनियां में फेंककर भाग निकले थे। बीते वर्ष जाजमऊ में एक बैंक अधिकारी को भी बोलेरो सवारों ने लिफ्ट देकर लूटा था। पुलिस सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज के जरिए उनकी तलाश में जुटी थी।

सीओ कैंट रवि कुमार ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर चकेरी इंस्पेक्टर रणजीत राय व स्वाट प्रभारी दिनेश यादव ने रविवार को अहिरवां क्षेत्र में वह बोलेरो पकड़ ली जो दोनों वारदातों में इस्तेमाल हुई थी। उसमें सवार पांच युवकों से पूछताछ हुई तो घटनाओं का पर्दाफाश हुआ। पकड़े गए बदमाशों में फर्रुखाबाद नीम करौली निवासी गिरोह का सरगना मनोज, श्रीपाल, हरिओम, बबलू कंजड़ व कन्हैया हैं। बबलू के खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रंवाई हो चुकी है।

भाई की बोलेरो से लूटपाट कर रहा था मनोज

पकड़ी गई बोलेरो मनोज के भाई सुनील की है। मनोज ही बोलेरो लेकर निकलता था। बबलू उसे चलाता था और मनोज यात्रियों को आवाज देता था। पहले से सवारी बनकर बैठे गिरोह के बाकी सदस्य यात्री को सुनसान रास्ते पर लूटते थे। सुनील व एक आरोपित वीरेंद्र की तलाश जारी है।

रनियां में किसान, कन्नौज में चालक को लूटा

बदमाशों ने पिछले दिनों रनियां (कानपुर देहात) में एक किसान को और कन्नौज में ट्रैक्टर चालक को भी लूट लिया था। गिरफ्तार करने वालों में दारोगा अरुण कुमार, विनय कुमार, देवी सिंह व सत्यपाल रहे।

एटीएम फुटेज बने मददगार

लुटेरों ने इंजीनियर बद्रीप्रसाद को लूटने के बाद धमकी देकर उनसे उनके एटीएम कार्ड का पासवर्ड पूछ लिया था और रामादेवी व रनियां में दो स्थानों पर एटीएम से रुपये निकाले थे। वहां लगे कैमरे की फुटेज से काफी मदद मिली।

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