बंदी का खतरा टला, 50 फीसद क्षमता पर ही चलेंगी टेनरियां

10 व 11 जनवरी को सीईटीपी व गंगा में गिर रहे नालों का निरीक्षण करेंगे सेवानिवृत्त जज।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Dec 2018 11:25 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 01:12 AM (IST)
बंदी का खतरा टला, 50 फीसद क्षमता पर ही चलेंगी टेनरियां
बंदी का खतरा टला, 50 फीसद क्षमता पर ही चलेंगी टेनरियां

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान टेनरियों पर मंडराने वाला बंदी का खतरा फिलहाल टल गया है। टेनरियों को 50 फीसद क्षमता पर चलाए जाने पर सहमति बनी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गंगा की निगरानी के लिए नियुक्त हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज अरुण टंडन की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने यह निर्णय लिया।

मंगलवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में सेवानिवृत्त जज ने कहा कि टेनरियों से आ रहे दूषित पानी की जांच की जाए। क्षमता से ज्यादा दूषित पानी आने पर कार्रवाई की जाए। 10 या 11 जनवरी को वह सीईटीपी व गंगा में गिर रहे नालों का निरीक्षण करेंगे, साथ ही कूड़ा निस्तारण प्लांट व टेनरियों का जायजा लेंगे। उधर, टीम की सदस्य अनिता राय ने एसटीपी बिनगवां और जाजमऊ क्षेत्र का निरीक्षण किया। टीम बुधवार को बंथर में बंद चल रही 30 टेनरियों को देखने जाएंगी।

नाला बंद होने की दी रिपोर्ट

जल निगम महाप्रबंधक आरके अग्रवाल ने बैठक में बताया कि बैराज से जाजमऊ तक 16 नाले गिर रहे थे। इनमें 13 नाले बंद कर दिए गए हैं। तीन नालों का बायोरेमिडेशन कराया जा रहा है।

छावनी बोर्ड तैयार करे कार्ययोजना

सेवानिवृत्त जज अरुण टंडन ने कहा कि छावनी बोर्ड सत्तीचौरा, डबका नाला तथा एयर फोर्स नाला टैप करने की कार्ययोजना बनाए। साथ ही लिखित रूप से दें कि इसके लिए क्या करेंगे। कहा कि जाजमऊ एसटीपी पूरी क्षमता से चलाएं। बिनगवां एसटीपी से घरेलू कनेक्शन जोड़े जाएं।

नगर आयुक्त को लगाई फटकार

कमेटी की ओर से मांगी गई जानकारी नहीं दे पाने पर सेवानिवृत्त जज अरुण टंडन ने नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा को फटकार लगाई। बायोमेडिकल वेस्ट के लिए अलग व्यवस्था करने व कूड़ा वाहनों में जीपीआरएस लगाने का आदेश दिया। जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में निस्तारण किया जाता है। टेनरी संचालक अपने यहां निकलने वाले कचरा तथा कतरन किसको दे रहे हैं और प्रतिदिन का हिसाब लिखित में दें।

टेनरी वालों ने जताई आपत्ति

टेनरी संचालकों ने कहा कि अगर पचास फीसद क्षमता पर काम होगा तो उत्पादन प्रभावित होगा। तीन माह के दौरान ड्रम बंद होने के कारण खराब हो जाएगा।

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