जानें संस्थाओं की कौन सी गतिविधियां जीएसटी में कर मुक्त

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड की टैक्स रिसर्च यूनिट ने नजरिया साफ किया है। देखना होगा संस्थाएं आयकर की धारा 12एए के तहत पंजीकृत हैं या नहीं।

By AbhishekEdited By: Publish:Sun, 30 Sep 2018 02:34 PM (IST) Updated:Sun, 30 Sep 2018 02:34 PM (IST)
जानें संस्थाओं की कौन सी गतिविधियां जीएसटी में कर मुक्त
जानें संस्थाओं की कौन सी गतिविधियां जीएसटी में कर मुक्त

कानपुर (जागरण संवाददाता)। खुद को स्वस्थ और निरोगी रखने के लिए आप कोई भी तरीका अपना सकते हैं। फिटनेस कैंप में शामिल होकर चाहें एरोबिक्स करें या योग लेकिन जीएसटी की नजर में इसमें भी अंतर है। जीएसटी के तहत योग तो करमुक्त है लेकिन एरोबिक्स की क्लासेज टैक्स के दायरे में हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड की टैक्स रिसर्च यूनिट (टीआरयू) ने इस संबंध में इसी सप्ताह अपना नजरिया साफ किया है। ये भी कहा है कि धर्म, अध्यात्म व योग के उत्थान में लगीं संस्थाएं जो शुल्क लेती हैं, वह जीएसटी के तहत करमुक्त होगा। इसके लिए जरूरी है कि ऐसी संस्थाएं आयकर की धारा 12एए के तहत पंजीकृत हों।

जीएसटी लागू होने के बाद तमाम संस्थाओं ने बोर्ड को पत्र भेजे थे कि धर्म, अध्यात्म या योग के प्रसार प्रचार में लगी संस्थाओं की गतिविधियां जीएसटी में कर के दायरे में आएंगी या नहीं। इस पर टैक्स रिसर्च यूनिट ने साफ किया है कि इस धारा के तहत पंजीकृत चैरीटेबल संस्थाएं अगर धर्म, अध्यात्म या योग के प्रचार-प्रसार के लिए सहभागियों से शुल्क लेती हैं तो वह करमुक्त होगा। हालांकि ये संस्थाएं अगर फिटनेस कैंप, एरोबिक्स, नृत्य, म्यूजिक की कक्षाएं आयोजित करती हैं तो उसके खातिर लिये गए शुल्क पर जीएसटी में टैक्स से छूट नहीं मिलेगी।

रहना व खाना भी करमुक्त

ये संस्थाएं अगर धर्म, अध्यात्म या योग का कार्यक्रम या शिविर आयोजित करती हैं और उसमें भाग लेने के लिए आने वालों से रहने, खाने का शुल्क लेती हैं तो वह भी करमुक्त होगा। टीआरयू ने ये भी साफ किया है कि अगर संस्था या ट्रस्ट किसी शिविर या कार्यक्रम को आयोजित किए बिना लोगों को आवास या खाने की सेवा दे रहे हैं तो इन सेवाओं के बदले लिये जा रहे शुल्क पर टैक्स देना होगा। उन्हें कर की माफी सिर्फ तभी मिलेगी जब वे धर्म, अध्यात्म, योग का कार्यक्रम साथ करेंगे।

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