स्नान पर्व के लिए गंगा में छोड़ा 7000 क्यूसिक जल

मकर संक्रांति पर कुंभ मेले के पहले स्नान पर्व के लिए रविवार को बैराज से सात हजार क्यूसिक जल छोड़ा गया। कानपुर में भी स्नान के लिए घाट में बैरीकेडिंग लगाई गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 01:29 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 01:29 AM (IST)
स्नान पर्व के लिए गंगा में छोड़ा 7000 क्यूसिक जल
स्नान पर्व के लिए गंगा में छोड़ा 7000 क्यूसिक जल

जागरण संवाददाता, कानपुर :

मकर संक्रांति पर कुंभ मेले के पहले स्नान पर्व के लिए रविवार को बैराज से सात हजार क्यूसिक जल छोड़ा गया। कानपुर में भी स्नान के लिए घाट में बैरीकेडिंग लगाई गई है। घाटों की सफाई कराई जा रही है। जल निगम का अमला एक-एक नाले पर नजर रखे हुए है। पांच नालों का बायोरेमिडेशन (केमिकल से पानी का शुद्धीकरण) शुरू कर दिया गया है।

कुंभ मेले में शासन ने गंगा को निर्मल-अविरल रखने के आदेश दिए हैं। इसके तहत गंगा में जल निगम ने सीसामऊ नाला समेत 11 नालों को बंद कर दिया गया है। बाकी बचे नालों को बायोरेमिडेशन किया जा रहा है। मकर संक्रांति के स्नान पर्व के लिए नरौना बांध से 5043 क्यूसिक जल छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग बैराज से जाजमऊ की तरफ 7014 क्यूसिक जल छोड़ रहा है। पिछले साल तक ढाई हजार क्यूसिक तक जल छोड़ा जा रहा था।

दूसरी ओर, शहर के घाटों में फैली गंदगी को साफ कराने के लिए नगर निगम की टीम जुटी रही। सरसैया घाट, गंगा बैराज, सिद्धनाथ घाट समेत अन्य घाटों में बैरीकेडिंग लगाई गई है।

इन नालों का बायोरेमिडेशन

रानी घाट, गुप्तार घाट, सत्तीचौरा घाट, गोलाघाट और डबका घाट का बायोरेमिडेशन जल निगम ने शुरू कर दिया। कुंभ मेला तक बायोरेमिडेशन होगा।

परमिया नाला में बीओडी मानक पर

परमियानाला में जल निगम का ट्रीट के बाद ओवर फ्लो होने वाला पानी मिलने से बीओडी मानक के अनुरूप है। इसलिए बायोरेमिडेशन नहीं किया जा रहा है। नाला बंद करने का काम चल रहा है। अभी तक 80 फीसद काम हो गया है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

नालों को बंद करने के साथ बचे नालों को बायोरेमिडेशन से साफ कराया जा रहा है।

- पंकज यादव, परियोजना प्रबंधक जल निगम

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