राजस्व न्यायालयों में भी दाखिल कर सकेंगे कैवियट

कानपुर, जागरण संवाददाता: राजस्व न्यायालयों में अब एक पक्षीय फैसला न हो सकेगा क्योंकि अब राजस्व न्याय

By Edited By: Publish:Fri, 12 Feb 2016 01:12 AM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2016 01:12 AM (IST)
राजस्व न्यायालयों में भी दाखिल कर सकेंगे कैवियट

कानपुर, जागरण संवाददाता: राजस्व न्यायालयों में अब एक पक्षीय फैसला न हो सकेगा क्योंकि अब राजस्व न्यायालयों में भी कैवियट लगाने की सुविधा दे दी गई है। नई राजस्व संहिता लागू होने के बाद यह व्यवस्था की गई है। गुरुवार को राजस्व संहिता में किये गये प्रावधानों की जानकारी देने के लिए कलेक्ट्रेट में कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें सभी प्रावधान बताए गए। सीडीओ शंभू कुमार ने बेहतर कार्य करने वाले अफसरों और कर्मियों को सम्मानित किया। कार्यशाला में एडीएम वित्त शत्रुघ्न सिंह, एडीएम सिटी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, सिटी मजिस्ट्रेट अमरपाल सिंह, एसडीएम सदर डीडी वर्मा आदि रहे।

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दाखिल खारिज में नहीं होगा खेल

अब किसी भी संपत्ति के दाखिल खारिज में खेल नहीं हो सकेगा क्योंकि तहसीलदार की जवाबदेही तय कर दी गई है। यदि दाखिल खारिज के फैसले से कोई संतुष्ट नहीं है तो वह 30 दिन के अंदर घोषात्मक वाद धारा 144 के तहत दायर करना होगा। इसमें तहसीलदार को फिर से फैसला सुनाना होगा।

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सवर्णो को लिए दलितों की भूमि खरीदना कठिन

कोई दलित अब सवर्ण को आसानी से संपत्ति नहीं बेच पाएगा। डीएम उस दलित व्यक्ति को भूमि बेचने की अनुमति देंगे जो दूसरे जिले या प्रांत में जाकर बस गया हो। या जिनके परिवार में कोई सदस्य नहीं है। ऐसे दलित जो गंभीर से रूप बीमार हैं और उन्हें इलाज कराना है। उन्हें भी अनुमति मिलेगी। उनके आवेदन की जांच होगी। इसमें देखा जाएगा कि वह जो कह रहा है सत्य है या नहीं।

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भू उपयोग परिवर्तन कराना आसान

कोई व्यक्ति अपने खेत में मकान बना रहा है तो भूमि का भू उपयोग परिवर्तन बिना शुल्क के किया जाएगा। यदि वह किसी व्यवसायिक गतिविधि के लिए भूमि का उपयोग कर रहा है तो उसे शुल्क देना होगा। उसके आवेदन पर एसडीएम को 45 दिन के अंदर फैसला लेना होगा।

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अभिलेखों में त्रुटि दूर कराना आसान

राजस्व अभिलेखों में त्रुटियों को दूर कराना आसान होगा। इसके लिए राजस्व निरीक्षक, ग्राम प्रधान, काश्तकार प्रार्थना पत्र देंगे और तहसीलदार स्तर से उसे दूर कर दिया जाएगा।

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भूमि की अदला बदली मुश्किल

धारा 161 के तहत सरकारी भूमि से निजी भूमि की अदलाबदली की राह आसान नहीं रही। अब तक एसडीएम और तहसीलदार से मिलीभगत कर लोग कम कीमत की भूमि को अधिक कीमत की भूमि से बदल लेते थे। अब ऐसा नहीं हो पाएगा। भूमि की अदलाबदली उसी गांव में होगी जिस गांव का आवेदक निवासी होगा।

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इन्हें दिया गया सम्मान

नायब तहसीलदार सदर ज्ञानेन्द्र द्विवेदी, प्रभारी कानूनगो नन्द लाल, वाचक जगदीश सिंह, संग्रह अमीन अजीत सिंह, डीएम न्यायालय के वाचक आलोक हजेला, नायब तहसीलदार बिल्हौर हरिश्चंद्र, बिल्हौर के कानूनगो राकेश गौतम व लेखपाल सुभाष सचान, अमीन शिवशरण पांडेय, घाटमपुर के नायब तहसीलदार अजित कुमार सिंह, वाचक उमा शकर मिश्र, लेखपाल रामबाबू सेंगर, अमीन ओम प्रकाश को सम्मानित किया गया।

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