मंत्री-2) न्यूक्लियर हमले को मात देगा एनबीसी सूट
शिवा अवस्थी, कानपुर अब देश के जांबाज सैनिकों का न्यूक्लियर, बायोलाजिकल व केमिकल हमलों से भी बचाव
शिवा अवस्थी, कानपुर
अब देश के जांबाज सैनिकों का न्यूक्लियर, बायोलाजिकल व केमिकल हमलों से भी बचाव हो सकेगा। इसके लिए एनबीसी सूट तैयार किया जा चुका है। वर्षो की कड़ी मेहनत के बाद रक्षा सामग्री एवं भंडार अनुसंधान तथा विकास स्थापना (डीएमएसआरडीई) कानपुर के अनुभवी वैज्ञानिकों ने यह सफलता हासिल की है। दो दिन पहले ही पड़ोसी देश चीन में हथियारों के प्रदर्शन के मद्देनजर रक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के आकलन में इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। डीएमएसआरडीई के वैज्ञानिक डॉ. अनुराग श्रीवास्तव एवं उनकी टीम ने इसे तैयार करने में सफलता पाई है। इसकी कीमत डेढ़ से दो लाख के बीच है। इस विशेष सूट से सैनिकों का पूरा शरीर ढंकने की व्यवस्था संग मजबूती का ख्याल भी रखा गया है। परीक्षण में भी इसे हरी झंडी मिल गई है। निजी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी को आपूर्ति का जिम्मा भी सौंपा जा चुका है।
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पांच साल तक नहीं होगा खराब
कार्बन मैटीरियल से निर्मित एनबीसी सूट पांच साल तक खराब नहीं होगा। इसके बाद क्षमता में कमी होते ही इसमें लगा इंडीकेटर संकेत देने लगेगा। इससे वक्त रहते इसको फिर से तकनीकी तौर पर सक्षम बनाया जा सकेगा।
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सैनिक इनसे रहेंगे सुरक्षित
- केमिकल गोलाबारी से निकले विषाक्त रसायन।
- किसी भी तरह के जीवाणु व विषाणु हमले।
- गोलाबारी में निकलने वाली घातक गैसों से।
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इनका कहना है
केमिकल, न्यूक्लियर व बायोलाजिकल हमले के दौरान घातक गैसों व रसायनों से निपटने के लिए अर्से से शोध चल रहा था। जांबाज सैनिकों को ऐसे हमलों से बचाने के मद्देनजर एनबीसी सूट तैयार किया गया है। इसकी मदद से सीरिया जैसे जीवाणु हमलों को बेअसर किया जा सकेगा। -डॉ. एन. ईश्वर प्रसाद, निदेशक, डीएमएसआरडीई