ऑडिट-2) डीआईओएस तलब, सीएसए कुलपति पर गरम

कानपुर, जागरण संवाददाता : बुधवार को स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच समिति का कहर

By Edited By: Publish:Thu, 02 Apr 2015 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 02 Apr 2015 01:00 AM (IST)
ऑडिट-2) डीआईओएस तलब, सीएसए कुलपति पर गरम

कानपुर, जागरण संवाददाता : बुधवार को स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच समिति का कहर शिक्षा विभाग पर टूटा। अभिलेख न लाने व प्रधानाचार्यो की गैरहाजिरी पर डीआईओएस को छह अप्रैल को लखनऊ तलब किया गया तो सीएसए में वेतन विसंगति पर प्रमुख सचिव विधानसभा के तेवर कुलपति पर तल्ख रहे।

सर्किट हाउस में प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे की मौजूदगी में समिति के सभापति विधायक अजय कपूर, सदस्यों विधायक इरफान सोलंकी, बाला प्रसाद अवस्थी, सियाराम सागर के सामने एचबीटीआई के पांच मामले रखे गए। इनमें किराया वसूली न होने पर 11.79 लाख रुपये की आर्थिक क्षति पर माहौल गरम रहा। तत्कालीन रिसर्च असिस्टेंट एसके चड्ढा के आवास न खाली करने व यहां अवैध कब्जों को लेकर तीन महीने का वक्त देकर पुलिस की मदद लेने की ताकीद की गई। स्थायी अग्रिम, टाइल्स खरीद व व्यय प्रकरण में 17 लाख रुपये की आर्थिक अनियमितताओं पर समय दिया गया।

पांच करोड़ ज्यादा वेतन बांटा

सीएसए में आठ प्रकरणों में पांच करोड़ ज्यादा वेतन वितरण पर कुलपति मुन्ना सिंह ने समिति को समझाने का प्रयास किया तो प्रमुख सचिव विधानसभा गरम हो गए। उन्होंने कहा, नियम न बताएं। पहले बोर्ड में लाकर शासन को रिपोर्ट भेजिए। उन्होंने कहा, कंट्रोलर को निलंबित किया जाए। इस पर अफसरों के होश उड़ गए। बाद में अभिलेखों से संतुष्ट न होने पर समिति ने फिर जानकारी लेकर आने को कहा।

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24 स्कूलों में लाखों की अनियमितता

24 स्कूलों के प्रकरण में प्रधानाचार्य नहीं आए और सिर्फ डीआईओएस शिवपूजन पटेल पहुंचे। पता चला किसी को सूचना ही नहीं दी गई। डीआईओएस ने मूल्यांकन का हवाला दिया। समिति सभापति ने बताया कि सुभाष स्मारक, खालसा ग‌र्ल्स, ज्ञान भारती, पीएवी इंटर, डीएमयू, श्रीमुनि, हलीम इंटर, चाचा नेहरू, हरसहाय समेत अन्य स्कूल शामिल हैं। उन्हें कागजातों समेत छह अप्रैल को लखनऊ बैठक में बुलाया गया है।

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मारवाड़ी इंटर कालेज की जांच

सभापति ने मारवाड़ी इंटर कालेज में ढाई करोड़ रुपये की विसंगति की जांच रिपोर्ट डीआईओएस के तैयार करने के निर्देश दिए। स्कूलों के प्रकरण ज्यादातर मकान किराया, भत्ता, विकास शुल्क, ज्यादा वेतन बांटने संबंधी हैं।

हीरो बनने आए हो क्या?

डीआईओएस संग जांच समिति के सामने पहुंचे लेखाधिकारी अतुल चश्मा चढ़ाकर आए थे। इस पर सभापति व विधानसभा के प्रमुख सचिव ने आड़े हाथ लिया। कहा, हीरो बनने आए हो या काम करने। इस पर उन्होंने गलती स्वीकारी।

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