आवारा जानवरों ने किया जीना मुहाल

कानपुर, जागरण संवाददाता : शहर में टूटी सड़कों व गढ्डों से बचकर भले निकल जाएं, लेकिन तमाम स्थानों पर आ

By Edited By: Publish:Tue, 21 Oct 2014 01:16 PM (IST) Updated:Tue, 21 Oct 2014 01:16 PM (IST)
आवारा जानवरों ने किया जीना मुहाल

कानपुर, जागरण संवाददाता : शहर में टूटी सड़कों व गढ्डों से बचकर भले निकल जाएं, लेकिन तमाम स्थानों पर आवारा जानवरों की धमाचौकड़ी से बचना जरा मुश्किल है। अब तक दर्जनों लोग सांड़, सुअर व कुत्तों के हमले का शिकार हो चुके हैं। खतरा बाहर ही नहीं घर में भी है। तमाम इलाकों में बंदरों के खौफ से लोगों का जीना मुहाल है।

शहर में मौजूद लगभग साढ़े तीन लाख आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए नगर निगम के पास सिर्फ 30 लोगों की टीम है। यह दस्ता बीते एक माह में सिर्फ 145 अवारा जानवर सड़कों से पकड़ पाया है। कुत्तों को पकड़ने का अभियान तो पिछले डेढ़ साल से रुका पड़ा है और बंदरों को पकड़ने के लिए विशेषज्ञ टीम नहीं है। सुअरों के आगे तो नगर निगम का दस्ता ही नतमस्तक हो जाता है। फोर्स न मिलने से सुअर पालक दस्ते को घेर लेते हैं। जिलाधिकारी डॉ रोशन जैकब के आदेश पर पिछले दिनों अभियान चलाया गया था दो दिन में पचास सुअर पकड़े गए थे बाद में जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया। इस दौरान पशुचिकित्साधिकारी को पालकों ने घेरने का प्रयास भी किया था।

इन मोहल्लों में आतंक ज्यादा

सिविल लाइंस, आर्यनगर, पांडुनगर, फूलबाग, मरियमपुर चौराहा, फजलगंज, गांधीनगर, दर्शनपुरवा, बजरिया, चमनगंज, बेकनगंज, जवाहर नगर, कल्याणपुर।

30 आउटसोर्सिग कर्मियों का दस्ता

30 आउटसोर्सिग कर्मचारियों के भरोसे कैटिल कैचिंग दस्ता चल रहा है। दस्ते में नगर निगम के 13 कर्मचारी हैं, इनमें से छह कर्मचारी बीमार रहते हैं बाकी भी काम पर कम ही आते हैं।

प्रमुख घटनाएं

0 सर्वोदय नगर, काकादेव, पाण्डुनगर गाधीनगर व जवाहर नगर में कुत्तों ने एक दर्जन लोगों को काटा।

0 विश्वबैंक कालोनी में सवा साल की बच्ची को सुअर ने चबाया, मौत

0 कृष्णापुरम में नवजात को सुअरों ने नोंचकर मार डाला

0 विजय नगर में महिला पर सांड़ का हमला, मौत

0 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को साड़ ने पटक कर मौत के घाट उतारा

0 बंदर के दौड़ाने पर कौशलपुरी में एक व्यक्ति की मौत

कुत्तों के बंध्याकरण की कागजी कार्रवाई

कुत्तों के बंध्याकरण के लिए सिर्फ कागजी कार्रवाई हो रही है। लखनऊ की तर्ज पर व्यवस्था करने की तैयारी है। इसके लिए रायपुरवा में खाली पड़ी जमीन पर अस्पताल बनाने की योजना है। सामाजिक संस्थाओं से बात हो रही है लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि खर्च कौन कितना करेगा।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

सीमित संसाधनों से अभियान चलाया जा रहा है। कई माह बाद सुअरों को पकड़ा गया है। कुत्तों के बंध्याकरण के लिए अस्पताल बनाने व सामाजिक संस्थाओं से बात की जा रही है। आवारा गायों को गौशाला में देने की कार्रंवाई चल रही है।

- एके सिंह, पशुचिकित्साधिकारी नगर निगम।

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