आज होगी शिल्प के देवता विश्वकर्मा की पूजा
कानपुर, जागरण संवाददाता: शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर आज शहर में विविध कार्यक्रम होंगे, लेकिन यह पहला अवसर होगा जब शहर में मिट्टी से बनी मूर्तियां स्थापित नहीं होंगी। पूजन पंडालों में धातुओं से बनी मूर्तियों की पूजा होगी और फिर से पंडाल से हटाकर रख दिया जाएगा। यह पहल पूजन समितियों के पदाधिकारियों ने मां गंगा की धारा को प्रदूषण से बचाने के लिए किया है।
भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर शहर में 50 से अधिक स्थलों पर मूर्तियों की स्थापना होती है और भक्त दूसरे दिन उनका विसर्जन बिठूर में करते हैं। लेकिन गंगा में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए यह तय किया गया है कि उत्सव तो धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन कहीं भी मिट्टी की मूर्ति स्थापित नहीं होगी। उधर प्रशासन ने भी पूजन स्थलों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने का निर्णय लिया है। नानकारी, फजलगंज लोको शेड, रतनपुर कालोनी, बर्रा आदि जगहों पर उत्सव मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश विश्वकर्मा महासभा के जिला अध्यक्ष सूरजबली विश्वकर्मा ने बताया कि इस बार पूजन समितियों के पदाधिकारियों की बैठक में मिट्टी की मूर्तियां स्थापित न करने का निर्णय लिया गया है। लोग धातुओं से बनी मूर्तियों का पूजन करेंगे और उन्हीं मूर्तियों को अगले वर्ष फिर स्थापित करेंगे।