104 करोड़ नहीं मिले, 248 करोड़ गड्ढे में

अनियोजित नियोजन व लेट लतीफी का असर विकास कामों पर कैसे पड़ता है, इसका सीधा उदाहरण जेएनएनयूआरएम का सीवरेज प्रोजेक्ट का फेज एक है। सीवरेज प्लांट की जमीन का विवाद हो या फिर छावनी परिषद से सीवर लाइन डालने की स्वीकृति न मिलना, लेट लतीफी के चलते प्रोजेक्ट की लागत 104 करोड़ रुपये बढ़ गई। अब केंद्र सरकार ने इसे देने से मना कर दिया है। कारण बताया है कि जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट समाप्त हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Apr 2018 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 16 Apr 2018 10:42 AM (IST)
104 करोड़ नहीं मिले, 248 करोड़ गड्ढे में
104 करोड़ नहीं मिले, 248 करोड़ गड्ढे में

जागरण संवादाता, कानपुर: अनियोजित नियोजन व लेट लतीफी का असर विकास कामों पर कैसे पड़ता है, इसका सीधा उदाहरण जेएनएनयूआरएम का सीवरेज प्रोजेक्ट का फेज एक है। सीवरेज प्लांट की जमीन का विवाद हो या फिर छावनी परिषद से सीवर लाइन डालने की स्वीकृति न मिलना, लेट लतीफी के चलते प्रोजेक्ट की लागत 104 करोड़ रुपये बढ़ गई। अब केंद्र सरकार ने इसे देने से मना कर दिया है। कारण बताया है कि जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट समाप्त हो गया है। यानी 104 करोड़ रुपये की बढ़ी लागत नहीं मिलने से 248 करोड़ रुपये के हो चुके काम बेकार हो जाएंगे। ऐसे में अब गेंद प्रदेश सरकार के पाले में है।

केंद्र व प्रदेश सरकार के बीच फंसे जेएनएनयूआरएम के सीवरेज प्रोजेक्ट के चलते 15 लाख लोग सीवर समस्या से जूझ रहे है। इसका काम असर शुरू होने वाली 112 करोड़ रुपये की अमृत योजना पर भी पड़ेगा।

20 माह से केंद्र व प्रदेश के बीच में दौड़ रही फाइल

सीवरेज प्रोजेक्ट के फेज एक की बढ़ी लागत 104 करोड़ रुपये लेने के लिए जल निगम पिछले 20 माह से केंद्र से लेकर प्रेदश सरकार तक फाइल भेज चुका है। इस दौरान कई पत्र भी लिखे। साथ ही शहर आगमन में आने वाले मंत्रियों को भी अवगत कराया लेकिन किसी ने भी धन नहीं उपलब्ध कराया।

योजना ही बंद अब नहीं दे सकते धन

केंद्र सरकार को जल निगम ने बढ़ी रकम देने को पत्र भेजा था। पहले भी फेज एक के प्रोजेक्ट की लागत 190 करोड़ से बढ़कर 248 करोड़ पहुंच गयी थी तब यह बढ़ी रकम 58 करोड़ केंद्र सरकार ने दे दिए। प्रोजेक्ट ही अब बंद हो गया है इसके बाद भेजी गयी बढ़ी रकम 104 करोड़ रुपये देने से मना कर दिया।

यह काम हो रहे प्रभावित

धन न मिलने से बनियापुरवा में बन रहा 15 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद पड़ा है। छावनी क्षेत्र में बिछने वाली साढ़े तीन किलोमीटर की पाइप लाइन का काम भी रुका पड़ा है। इससे जाजमऊ में दूषित पानी ट्रीट होने के लिए नहीं पहुंच पाएगा। इसका असर लगभग 15 लाख जनता पर पड़ेगा।

फंसेगी अमृत योजना

बनियापुरवा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में कल्याणपुर क्षेत्र के कई इलाकों का दूषित पानी ट्रीट के लिए सीवर लाइन के माध्यम से भेजा जाना है। इसके लिए 112 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत हो गया है। कंपनी भी फाइनल हो गयी है। जल्द काम शुरू होने जा रहा है लेकिन बनियापुरवा प्लांट ही नहीं बनेगा तो यह योजना भी दिखावा बनकर रह जाएगी।

सीवरेज प्रोजेक्ट का फेज एक का हाल

काम शुरू हुआ - वर्ष 2006 में

पहले लागत -190 करोड़ रुपये

बढ़ी लागत - 248 करोड़ रुपये

अब फिर बढ़ी लागत- 352 करोड़ रुपये

फंसे काम- बनियापुरवा में आठ साल से जमीन विवाद के चलते प्रोजेक्ट लटक गया था। लागत दस करोड़ रुपये से बढ़कर 20 करोड़ तक पहुंच गयी है। छावनी परिषद में साढ़े तीन किलोमीटर सीवर लाइन पड़ने की स्वीकृति नौ साल बाद मिली है। इसके चलते लागत बढ़ गयी।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

'बकाया 104 करोड़ रुपये न मिलने के कारण सीवरेज प्रोजेक्ट का फेज एक का काम रुका पड़ा है। शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि जेएनएनयूआरएम योजना समाप्त हो गयी है। अब केंद्र सरकार धन नहीं दे सकती है। अब प्रदेश सरकार देगी। डेढ़ साल से काम बंद है ठेकेदार भी बकाया भुगतान मांग रहे है।'

- आरके अग्रवाल, महाप्रबंधक, जल निगम

ये इलाका होगा प्रभावित

तिलक नगर, स्वरूप नगर, आर्यनगर, वीआइपी रोड, शारदा नगर, कल्याणपुर क्षेत्र, विजय नगर शास्त्री नगर, गुमटी क्षेत्र, जाजमऊ क्षेत्र।

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