चबूतरों पर सरकारी गेहूं और खुले में किसान की मक्का
इन दिनों निगम मंडी परिसर में मक्का किसानों की भीड़ है। सुबह से ही ट्रैक्टर ट्रालियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है जो देर शाम तक रहता है। परिसर में चबूतरे गेहूं से घिरे हैं। ऐसे में व्यापारी दुकानों के सामने ही मक्का उतरवा रहे हैं। आसमान में बादल होने की वजह से अधिक मक्का खरीद नहीं पा रहे हैं। ऐसे में बिक्री करने आए किसान दिनभर परिसर में डटे रहे हैं।
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : अधिकारियों ने निगम मंडी के चबूतरों पर केंद्रों पर खरीदे गए सरकारी गेहूं को रखवा कर सुरक्षित कर लिया, वहीं व्यापारियों के पास जगह न होने पर किसानों का गेहूं खुले आसमान के नीचे लगा है। बारिश होने पर इसके भीगने का भी डर किसान व व्यापारियों को सता रहा है। मांग के बाद भी अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
इन दिनों निगम मंडी परिसर में मक्का किसानों की भीड़ है। सुबह से ही ट्रैक्टर ट्रालियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो देर शाम तक रहता है। परिसर में चबूतरे गेहूं से घिरे हैं। ऐसे में व्यापारी दुकानों के सामने ही मक्का उतरवा रहे हैं। आसमान में बादल होने की वजह से अधिक मक्का खरीद नहीं पा रहे हैं। ऐसे में बिक्री करने आए किसान दिनभर परिसर में डटे रहे हैं। कोई पेड़ की छांव तो कोई ट्राली के नीचे बिता रहा समय
सुबह से मंडी पहुंचकर किसान अपनी बारी का इंतजार करने लगते हैं। छाया का उपयुक्त स्थान न होने पर पेड़ों की छांव तलाशते हैं। जगह न मिलने पर ट्रैक्टर ट्राली के नीचे लेटकर समय बिताते हैं। पिछले वर्ष जून तक हो गई थी 1.12 लाख क्विंटल खरीद
मंडी के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले वर्ष चबूतरे खाली होने की वजह से जून माह के अंत तक करीब 1.12 लाख क्विंटल मक्का की खरीद हो गई थी। इस बार अब तक खरीद 1.03 लाख क्विंटल ही पहुंची है। व्यापारी भीगने से बचाने को मक्का रखने के लिए पर्याप्त स्थान न होना इसकी प्रमुख वजह बता रहे हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार गोदाम खाली न होने की वजह से चबूतरों पर केंद्रों से खरीदा गया गेहूं रखवाया गया था। इन्हें खाली होने वाली गोदाम में पहुंचाने को कहा गया था। इसकी जानकारी की जाएगी और व्यापारियों की समस्या का समाधान कराया जाएगा।
- गौरव शुक्ला, सभापति निगम मंडी समिति, एसडीएम छिबरामऊ