नालों की डोजिग बंद, गंगा स्वच्छता अब भगवान भरोसे

पांचालघाट पर लगने वाली रामनगरिया व प्रयागराज कुंभ से पहले सरकार को गंगा में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की चिता सताई थी। इसी के चलते नमामि गंगे राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई व उत्तर प्रदेश जलनिगम ने निजी कंपनी को नाले में जैविक उपचार पद्धति से जलशोधन के लिए दवा की डोजिग शुरू कराई थी। कंपनी के कर्मचारी अनुबंध समाप्त होते ही रवाना हो गए। नाले का पानी अब बिना शोधन के ही गंगा में गिर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 12:12 AM (IST) Updated:Mon, 15 Jul 2019 06:31 AM (IST)
नालों की डोजिग बंद, गंगा स्वच्छता अब भगवान भरोसे
नालों की डोजिग बंद, गंगा स्वच्छता अब भगवान भरोसे

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पांचालघाट पर लगने वाली रामनगरिया व प्रयागराज कुंभ से पहले सरकार को गंगा में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की चिता सताई थी। इसी के चलते 'नमामि गंगे' राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई व उत्तर प्रदेश जलनिगम ने निजी कंपनी को नाले में जैविक उपचार पद्धति से जलशोधन के लिए दवा की डोजिग शुरू कराई थी। कंपनी के कर्मचारी अनुबंध समाप्त होते ही रवाना हो गए। नाले का पानी अब बिना शोधन के ही गंगा में गिर रहा है।

जेएम इंवेरो टेक्नॉलाजीज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से भैरव घाट पर डोजिग प्वाइंट बनाया गया था। कंपनी की ओर से लगाए गए बोर्ड में पांच जनवरी से 15 जून तक अनुबंध होने का उल्लेख किया गया था। साधु-संतों व गंगा स्नानार्थियों को भरोसा था कि यह अनुबंध बढ़ जाएगा और नाले में दवा की डोजिग जारी रहेगी। कंपनी के कर्मचारी धर्मेंद्र सिंह व संतोष जेना का दावा था कि डोजिग प्वाइंट से डाली जा रही दवा से नाले का कीटाणु युक्त पानी शुद्ध होकर गंगा में जाता है। सरकार की ओर से डोजिग का समय नहीं बढ़ा और कंपनी के कर्मचारी 15 जून को ही काम बंद कर चले गए। जिससे अब नाले का गंदा पानी पहले की तरह ही गंगा में गिरने लगा है। इससे श्रद्धालुओं को प्रदूषित जल मिल रहा है।

पांचालघाट पर भी गंगा

में गिर रहीं नाले व नालियां

पांचालघाट स्थित पुरानी घटिया पर घरों की नालियों का पानी गंगा में ही गिर रहा है। धीमरपुरा के पास भी एक नाले का पानी गंगा में जाता है। नाले का पानी गिरने से गंगा स्वच्छता अभियान की सफलता पर सवालिया निशान खड़े किए जा रहे हैं।

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