14 साल पहले हुआ था भारी मतदान, अबकी फिर उम्मीद
कन्नौज, जागरण संवादादाता : इत्र नगरी में कन्नौज संसदीय सीट के लिए लोकसभा उपचुनाव 2000 में अब तक हुए चुनाव के सारे रिकार्ड तोड़ मतदाताओं ने 61.46 फीसद वोट डाले थे। इसके बाद मतदान प्रतिशत धीरे-धीरे घटता चला गया। भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया था। इसके बाद जिले में अबकी बार कई जागरूकता अभियान चलाए गए। साथ ही जिला प्रशासन ने इस बार खुद मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए अपने हाथ में कमान संभाल रखी है। इससे लगता कि 24 अप्रैल को होने वाले मतदान में वर्ष 2000 का भी रिकार्ड टूटने की उम्मीद जगी है।
कन्नौज संसदीय सीट से दिग्गज नेताओं के चुनाव लड़ने से हमेशा चर्चित रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव को देखें तो वर्ष 1999 में 11,57,142 मतदाता थे जिसमें 59.95 प्रतिशत मतदान हुआ। इस चुनाव में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह ने अरविंद प्रताप सिंह यादव को 79,139 वोटों के अंतर से हराया था। इसके बाद श्री यादव ने कन्नौज की सीट छोड़ दी। एक वर्ष बाद ही वर्ष 2000 में लोकसभा उपचुनाव हुए। इस चुनाव में सपा मुखिया ने अपने पुत्र अखिलेश यादव को चुनावी समर में उतारा। इस चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 11,59,230 थी। इस चुनाव में लोगों ने अधिक से अधिक संख्या में निकलकर मतदान में प्रतिभाग किया था। इसकी वजह से वोटिंग प्रतिशत 61.46 फीसद तक पहुंच गई थी। वर्ष 04 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदाता 13,46,673 थे। इस दौरान 56.39 फीसद मतदान हुआ। यहां से वोटिंग प्रतिशत का कम होना शुरू हो गया। इस चुनाव में वोटिंग पांच फीसद कम हो गई। वर्ष 09 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदाता 15,03,122 थे। इस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 49.36 रह गया। इस तरह वोटिंग प्रतिशत धीरे-धीरे कम होते चली गई। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिले में स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता जागरूकता एवं मतदान में सहभागिता) कार्यक्रम शहर व गांव-गांव चलवाया। इसकी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला युवा कल्याण अधिकारी को सौंपी गई। इन अफसरों ने अधीनस्थ अफसरों व कर्मचारियों की मदद से नन्हें-मुन्ने बच्चों व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के सहयोग से जगह-जगह जागरूकता रैली निकाली गई। साथ ही लोगों को मतदान करने के लिए जागरूक किया गया। लोकसभा आम चुनाव होने में 10 दिन का समय शेष रह गया है। इस जागरूकता अभियान के चलते इस बार भी अधिक से अधिक संख्या में मतदान होने की उम्मीद प्रशासन को है।