झांसी खजुराहो रेल रूट पर टला बड़ा हादसा, थोड़ी देर होती तो विस्फोटक में ट्रैक के साथ उड़ जाता DRM का विशेष यान

झांसी-ललितपुर-खजुराहो रेल खंड पर झांसी मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष विशेष निरीक्षण यान से निरीक्षण करते हुए खजुराहो पहुंचे थे। वापसी में धनुपुरा गांव के पास अवैध खनन करने वालों ने ट्रैक के पास विस्फोटक लगाकर धमाका कर दिया जिससे ट्रैक का दो किलोमीटर तक का हिस्सा उखड़ गया।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 03 Nov 2022 10:01 PM (IST) Updated:Thu, 03 Nov 2022 10:01 PM (IST)
झांसी खजुराहो रेल रूट पर टला बड़ा हादसा, थोड़ी देर होती तो विस्फोटक में ट्रैक के साथ उड़ जाता DRM का विशेष यान
अवैध खनन करने वालों ने रेल ट्रैक के पास विस्फोटक लगाकर जोरदार धमाका किया।

झांसी, जागरण संवाददाता। रेल अफसरों के साथ बुधवार को झांसी-खजुराहो रेलवे ट्रैक का निरीक्षण करने निकले मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) का सैलून निकलने के महज चार मिनट बाद हुए एक धमाके ने रेलवे ट्रैक उड़ा दिया था। इससे दो किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ था। ऐसे में यदि डीआरएम का विशेष यान के निकलने में थोड़ी देर हो जाती तो रेल ट्रैक के साथ वह भी उड़ जाता। मामले में रेलवे ने दो लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें आरोपितों पर हत्या के प्रयास की धारा भी लगाई गई है।

ट्रैक के पास विस्फोटक लगाकर धमाका

बुधवार को वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-ललितपुर-खजुराहो रेल खंड पर झांसी मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष अन्य अधिकारियों के साथ विशेष निरीक्षण यान से निरीक्षण करते हुए खजुराहो पहुंचे थे। वापसी में वह खजुराहो-ललितपुर रेल मार्ग के पोल नंबर 1199/16 व 1200/2 और धनुपुरा गांव से 4 किलोमीटर आगे निकले ही थे कि अवैध खनन करने वालों ने ट्रैक के पास विस्फोटक लगाकर जोरदार धमाका कर दिया। ब्लास्ट इतना तेज था कि ट्रैक का दो किलोमीटर तक का हिस्सा उखड़ गया।

आरपीएफ और पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद ओम साईं राम क्रशर संचालक रुचिर जैन और भोला एक्सप्लोसिव के मालिक हरिशचन्द्र पाण्डेय के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, आरपीएफ ने भी विशेष रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। घटना स्थल पर पहुंचे रेल अधिकारियों ने शुरुआती जांच की, जिसमें लगभग एक करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।

रेलवे क्षेत्र में किया जा रहा था खनन

पुलिस जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उसने रेलवे के होश उड़ा दिए हैं। जिस स्थान पर यह धमाका किया गया है वह रेलवे के अधिकार वाले क्षेत्र में आता है। यहां लंबे समय से उक्त दोनों फर्म द्वारा अन्य माफिया के साथ मिलकर अवैध खनन किया जा रहा था। घटना के दिन भी प्रतिदिन की तरह अवैध खनन चल रहा था।

नया विद्युतीकरण भी हुआ ध्वस्त

जिस ललितपुर-खजुराहो रेलमार्ग पर यह धमाका किया गया है, उस खंड पर 20 अक्टूबर को ही रेलवे ने पूरे रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया है। बताया जा रहा है कि धमाका इतना शक्तिशाली था कि हवा में उड़ते पत्थरों से ओएचई केबल भी टूट गई है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

रेलवे ट्रैक को ब्लास्ट कर उड़ाने के मामले में आरोपितों के विरुद्ध आइपीसी की धारा 307, 286, 427 व धारा 3 (विस्फोटक पदार्थ अधिनियम) के साथ ही रेलवे एक्ट 1989 की धारा 150 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

जांच के लिए आंतरिक समिति का गठन

मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर अवैध खनन करने वालों द्वारा किए गए धमाके से ट्रैक को काफी नुकसान पहुंचा है। बुधवार को कई घंटे का ब्लाक लेकर मरम्मत कार्य कराया गया, जो आज भी जारी रहा। इससे कई ट्रेन देरी से चलीं। मामले की जांच के लिए आंतरिक समिति का गठन किया गया है।

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