घबराएं नहीं, सावधानी बरतें - ख़्ातरनाक नहीं ओमिक्रॉन

- गले से नीचे नहीं पहुँचता इसका संक्रमण - तीन दिन में रोगी के ठीक होने की सम्भावना झाँसी : ओमिक्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Jan 2022 06:57 PM (IST) Updated:Wed, 12 Jan 2022 06:57 PM (IST)
घबराएं नहीं, सावधानी बरतें - ख़्ातरनाक नहीं ओमिक्रॉन
घबराएं नहीं, सावधानी बरतें - ख़्ातरनाक नहीं ओमिक्रॉन

- गले से नीचे नहीं पहुँचता इसका संक्रमण

- तीन दिन में रोगी के ठीक होने की सम्भावना

झाँसी : ओमिक्रॉन ने जहाँ पूरी दुनिया में हलचल मचा रखी है, वहीं अपनी झाँसी फिलहाल इससे बची हुई है। चिकित्सक भी चाहते हैं कि हर व्यक्ति इससे बचा रहे। हालाँकि यह डेल्टा वायरस की तरह खतरनाक और जानलेवा नहीं है फिर भी संक्रमण से बचाना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य महकमे ने जहाँ ओमिक्रॉन वायरस के आते ही कोविड-19 की जाँच कराने की प्रक्रिया ते़ज कर दी है, वहीं लोगों में भी ओमिक्रॉन का भय बढ़-चढ़कर दिखने लगा है। एक बार फिर नाईट क‌र्फ्यू के साथ ही तमाम बन्दिशें लागू हो गई हैं। कोरोना के रोगी तो झाँसी में बढ़े, मगर ओमिक्रॉन का अभी तक कोई केस नहीं आया है।

ओमिक्रॉन के लक्षण

0 हल्का बुखार

0 हल्का अथवा ते़ज जुकाम

0 गले में खराश

0 कुछ भी गटकने के समय दर्द होना

0 अचानक से सिर में दर्द रहना

ओमिक्रॉन वायरस की हैं सीमाएं

0 यह गले से नीचे नहीं उतरता

0 फेफड़ों तक संक्रमण पहुँचने से पहले ठीक हो जाता है रोगी

0 जुकाम के चलते नाक बन्द रहना

0 अधिक से अधिक 3 दिन तक रहता है संक्रमण

इनके लिए है बेहद घातक

0 जिनकी किडनी बदली गई हो

0 किडनी या फेफड़े में संक्रमण हो।

0 हाई बीपी अथवा शुगर की शिकायत हो।

0 कैंसर के मरी़जों को यह वायरस जल्द चपेट में लेता है।

0 हाईपरटेंशन के रोगी अथवा जिनकी उम्र 90 से अधिक हो, वह जल्द इससे प्रभावित हो सकते हैं।

ऐसे करें बचाव

0 किसी प्रकार के लक्षण महसूस होते ही सर्वप्रथम कोविड-19 की जाँच कराएं।

0 यदि पॉ़िजटिव रिपोर्ट आए तो घबराएं नहीं।

0 स्वास्थ्य विभाग आपकी मॉनिटरिग करेगा।

0 खुद को 7 दिन के लिए आइसोलेट कर लें।

0 स्वास्थ्य विभाग से मिली किट की दवाओं को नियमानुसार लें।

0 7 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग दोबारा जाँच करेगा।

फोटो हाफ कॉलम

:::

इन्होंने कहा

'कोरोना के डेल्टा वायरस की तरह ओमिक्रॉन खतरनाक और जानलेवा नहीं है। इसलिए इससे घबराए नहीं। लक्षण महसूस होने पर तत्काल जाँच कराएं और कोविड प्रोटोकॉल का यथा सम्भव पालन करें। अभी तक झाँसी में ऐसा कोई भी रोगी नहीं मिला है। लेकिन जहाँ मिले हैं, वहाँ रिपोर्ट सकारात्मक है। यानी, ओमिक्रॉन के रोगी महज 3 दिनों में ही ठीक हो रहे हैं। इससे बचने के लिए जरूरत होने पर ही घर से निकलें और बगैर मास्क लगाए कहीं भी नहीं जाएँ। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति से दो गज की दूरी बनाए रखें।'

डॉ. अनिल कुमार

मुख्य चिकित्सा अधिकारी, झाँसी

क्रॉस चेक होगी वैक्सिनेशन करने वाली टीम की टाईमिंग

झाँसी : ़िजले में वैक्सिनेशन का कार्य जोरों पर है। प्रतिदिन ़िजले के 350 सेण्टर पर वेक्सिन लगाई जा रही है। इनमें 100 सेण्टर नगरीय क्षेत्र में और 250 सेण्टर ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत हैं। वेक्सिन लगवाने के लिए सबसे पहला स्लॉट प्रात: 9-11 बजे का है। यह स्लॉट इसलिए बनाया गया था कि ऑफिस अथवा अन्य कार्य पर जाने वालों को सुबह-सुबह वैक्सीन लग जाए और वे समय से अपने काम पर जा सकें। लेकिन कुछ समय से देखा जा रहा है कि प्रथम स्लॉट में वैक्सीन लगवाने वाले नागरिक केन्द्र पर पहुँच जाते हैं, लेकिन वैक्सिनेशन करने वाली टीम देरी से पहुँचती है। इससे वहाँ लोगों की भीड़ हो जाती है जो संक्रमण को निमन्त्रण देती है। सीएमओ डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि वे वैक्सिनेशन केन्द्रों पर पहुँचने वाली टीम का क्रॉस चेक करके सत्यापन करेंगे। यदि कहीं शिकायत मिली तो सम्बन्धित टीम के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

मदन यादव

समय- 6.10

12 जनवरी

chat bot
आपका साथी