पेयजल महायोजना में रोड़ा बनी जमीन
- वन विभाग माँग रहा ़जमीन के बदले ़जमीन - नगर निगम ने चिह्नित किया भूखण्ड, सदन की अनुमति का इन्त़ज
- वन विभाग माँग रहा ़जमीन के बदले ़जमीन
- नगर निगम ने चिह्नित किया भूखण्ड, सदन की अनुमति का इन्त़जार
- 2 महीने से नहीं हो पाई सदन की बैठक, पाइप लाइन बिछाने का काम रुका
झाँसी : महानगर पेयजल योजना में फिलहाल ़जमीन का रोड़ा आ गया है। बबीना से झाँसी के बीच पाइप लाइन बिछाई जा रही है। इसमें 2 किलोमीटर का हिस्सा वन विभाग का है। वन विभाग ़जमीन के बदले ़जमीन माँग रहा है, जो नगर निगम देने को तैयार है, लेकिन लम्बे समय से सदन की बैठक न होने के कारण मामला अटका पड़ा है।
महानगर की लगभग 6 लाख की आबादी को पानी उपलब्ध कराने के लिए लगभग 800 करोड़ की पेयजल महायोजना पर तेजी से काम चल रहा है। दो चरणों में संचालित होने वाली इस योजना के अन्तर्गत माताटीला बाँध से 195 एमएलडी (मिलियन लिटर्स पर-डे) पानी लेकर बबीना में शोधित किया जाना है। इसके बाद शुद्ध पानी पाइप लाइन के जरिए महानगर तक लाया जाना है। माताटीला बाँध से बबीना तथा बबीना से झाँसी तक पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है, लेकिन इसमें एक रोड़ा भी आ गया है। दरअसल, बबीना से झाँसी के बीच बिछाई जा रही पाइप लाइन के लिए एनएचएआइ की अनापत्ति मिल गई है, जबकि बिजौली के पास लगभग 2 किलोमीटर का हिस्सा वन विभाग का है। वन विभाग इस ़जमीन को देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके बदले में ़जमीन की माँग कर रहा है। जल निगम ने यह मुद्दा प्रशासन के समक्ष रखा तो ़जमीन देने की गेन्द नगर निगम के पाले में आ गई। नगर निगम ने बिजौली के गाटा संख्या 3338 में .648 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को देने के लिए चिह्नित कर ली है, लेकिन यह ़जमीन सदन की सहमति पर ही दी जा सकती है। लम्बे समय से सदन की बैठक आयोजित नहीं हो पा रही है, जिससे पूरा प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है।
दिसम्बर में ही मिल जाती स्वीकृति
नगर निगम ने ़जमीन देने की तैयारी अक्टूबर 2020 में ही कर ली थी। प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया था तो बिजौली में ़जमीन भी चिह्नित कर ली थी। तय हो गया था कि दिसम्बर माह में सदन की बैठक होगी, जिसमें ़जमीन हस्तान्तरित करने की स्वीकृति मिल जाएगी, लेकिन नगर निगम द्वारा सदन में प्रस्ताव ही नहीं रखा गया।
बिजली विभाग भी फँसाए है पेंच
झाँसी से बबीना के बीच पाइप लाइन बिछाने में वन विभाग का अकेला अड़ंगा नहीं है। बिजली विभाग की लापरवाही भी परेशानी का कारण बन गई है। दरअसल, पीडब्लूडी द्वारा हँसारी में सड़क चौड़ीकरण का काम कराया जा रहा है। हँसारी के मुहाने से पावर हाउस तक कई बिजली के खम्बे सड़क के किनारे लगे हैं, जिन्हें शिफ्ट किया जाना है, लेकिन बिजली विभाग इसे शिफ्ट नहीं कर रहा है। इससे सड़क का काम भी प्रभावित हो गया है तो जल निगम भी अपनी पाइप लाइन नहीं बिछा पा रहा है। ऐसे में अगर सड़क बन जाती है तो जल निगम को एक बार फिर खोदनी पड़ेगी, जिससे सरकारी धन का दुरूपयोग होगा।
फोटो हाफ कॉलम
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इन्होंने कहा
'बबीना-झाँसी के बीच वन विभाग की ़जमीन होने के कारण फिलहाल पाइप लाइन बिछाने का काम रुक गया है। नगर निगम द्वारा वन विभाग को ़जमीन देने पर सहमति जता दी गई है, जिसकी सदन से स्वीकृति लेना आवश्यक है। महापौर ने आश्वासन दिया है कि जल्द होने वाली सदन की बैठक में ़जमीन हस्तान्तरण की अनुमति दिला दी जाएगी। उधर, हँसारी में बिजली विभाग द्वारा खम्बे शिफ्ट कर दिए जाएं तो वहाँ भी सड़क बनने से पहले पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा करा दिया जाए, वरना सड़क बनने के बाद पुन: सड़क काटनी पड़ेगी, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग होगा। इसे लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं।'
0 हिमांशु नेगी
प्रोजेक्ट मैने़जर, जल निगम
फाइल : राजेश शर्मा
11 फरवरी 2021
समय : 4.45 बजे