़जीरो बजट खेती पर कृषि ऋषि सुभाष ने किसानों से किया सम्वाद

फोटो ::: - 6 दिवसीय ़जीरो बजट प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण का प्रदेश के कृषि मन्त्री ने शुभारम्भ कि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 12:25 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 12:25 AM (IST)
़जीरो बजट खेती पर कृषि ऋषि सुभाष ने किसानों से किया सम्वाद
़जीरो बजट खेती पर कृषि ऋषि सुभाष ने किसानों से किया सम्वाद

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- 6 दिवसीय ़जीरो बजट प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण का प्रदेश के कृषि मन्त्री ने शुभारम्भ किया

- किसानों से खचाखच भरे सभागार में ़फसल पैदावर और किसानों के उत्थान पर हुई चर्चा

झाँसी : बुन्देलखण्ड किसान समृद्धि अभियान ट्रस्ट के तत्वावधान में 21 से 26 सितम्बर तक चलने वाले ़जीरो बजट प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ पैरामेडिकल कॉलिज के सभागार में शुक्रवार को कृषि मन्त्री सूर्यप्रताप शाही के मुख्य आतिथ्य, दैनिक जागरण के निदेशक यशोवर्धन गुप्त की अध्यक्षता व कृषि ऋषि के नाम से विख्यात सुभाष पालेकर के संयोजन में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

आचार्य अविनाश ने 6 दिवसीय शिविर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पद्धति बुन्देलखण्ड की भूमि के लिए वरदान साबित होगी। इसके लागू होने से बुन्देलखण्ड के लोगों को ़जहरमुक्त भोजन उपलब्ध होगा। किसानों से सम्वाद करते हुए ़जीरो बजट खेती के जनक पद्मश्री सुभाष पालेकर ने बताया कि रासायनिक व जैविक खेती का विकल्प केवल शून्य लागत खेती ही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार से इस सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा हो चुकी है। ग्लोबल वॉर्मिग का कारण जैविक और रासायनिक खेती को बताते हुए उन्होंने किसानों को खेती से जुड़ी विभिन्न बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि प्राकृतिक कृषि ईश्वर की सेवा है। दुनिया में सबसे पहले प्रकृति बनी और उसके बाद मानव का विकास हुआ। उन्होंने किसानों को बताया कि प्रकृति में जो भी पेड़-पौधे हैं, सभी इस अन्नपूर्णा धरती का परिणाम हैं। ये पेड़-पौधे अपने विकास के लिए धरती जो भी लेते हैं, उसे वापस करते हैं। उदाहरण के तौर पर कोई पौधा धरती से नाइट्रोजन लेता है, तो वह ़फसल के पकने के बाद अवशेष के माध्यम से नाइट्रोजन वापस कर देता है। यही क्रिया हर तत्व के साथ होती है। पालेकर ने कहा कि मिट्टी की जाँच एक धोखाधड़ी है। हम ़जमीन की जितनी गहराई में जाते हैं, खाद्य पदार्थो की मात्रा बढ़ती जाती है। हमारे वैज्ञानिक मिट्टी की जाँच कर रासायनिक खाद डालने की बात कहते हैं, जबकि ़जमीन के नीचे इसका भण्डार भरा पड़ा है। मुख्य अतिथि प्रदेश के कृषि मन्त्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि इस पद्धति को उत्तर प्रदेश के सभी विकासखण्डों के कम से कम 2-2 गाँवों में लागू कर शून्य लागत प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता कर रहे यशोवर्धन गुप्त ने किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़े फायदों से अवगत कराते हुए इस पद्धति को अपनाने की बात कही। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती करने से मृदा की उर्वरता नष्ट नहीं होती है। समारोह को कार्यक्रम संयोजक राजीव सिंह पारीछा (विधायक बबीना), जलगुरु महेन्द्र मोदी (डीजीपी-तकनीकी सेवाएं), भानु प्रताप वर्मा (सांसद जालौन), नरेन्द्र सिंह जादौन (विधायक कालपी), बिहारी लाल आर्य (विधायक मऊरानीपुर), रवि शर्मा (सदर विधायक), जवाहर सिंह राजपूत (विधायक गरौठा), रामतीर्थ सिंघल (महापौर), प्रदीप सरावगी (भाजपा महानगर अध्यक्ष), संजीव श्रृंगीऋषि सहित अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर अनिल श्रीवास्तव, श्याम बिहारी गुप्ता, प्रेमशंकर अवस्थी, कुंजबिहारी गुप्ता, सुशील, विभुकान्त शाह, सन्तराम पेण्टर, फूलाराम चौधरी (नेपाल प्रतिनिधि), एके नेवी (वैज्ञानिक हिमाचल प्रदेश), रामनरेश तिवारी, नितिन चौरसिया, दिनेश, हेमन्त परिहार, राकेश पाठक, शशांक त्रिपाठी, मोहन पाल, अजिताभ सिंह, संजय पटेल, सुनील गुप्ता, पवन गुप्ता, शेखर त्रिपाठी, संजय उपाध्याय, भारत भूषण, दिनेश पाठक, डॉ. एसआर गुप्ता आदि उपस्थित रहे। राष्ट्रीय समन्वयक गोपाल उपाध्याय ने संचालन व सह-समन्वयक कैलाश अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।

देश-विदेश से आए किसान व युवा

बुन्देलखण्ड किसान समृद्धि अभियान ट्रस्ट के तत्वावधान में 21 से 26 सितम्बर तक आयोजित 6 दिवसीय ़जीरो बजट प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन नेपाल, बांग्लादेश, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, कोलकाता, दिल्ली, उत्तराखण्ड, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, बिहार, हरियाणा के साथ ही बुन्देलखण्ड के विभिन्न हिस्सों से किसान व युवाओं ने प्रतिभाग किया।

ज्ञापन देने वालों की लगी कतार

़जीरो बजट प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने झाँसी आए कृषि मन्त्री सूर्यप्रताप शाही कार्यक्रम के बाद जैसे ही मंच से नीचे उतरे, बुन्देलखण्ड के विभिन्न हिस्सों से आए फरियादियों ने उन्हें अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिए।

नरेन्द्र प्रताप सिंह

समय : 8.30

21 सितम्बर 18

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