यूनीफेस्ट में युवाओं ने दिखाया प्रतिभा का दम

झाँसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में यूथ फेस्टिवल की प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने अपनी

By Edited By: Publish:Sat, 21 Nov 2015 12:10 AM (IST) Updated:Sat, 21 Nov 2015 12:10 AM (IST)
यूनीफेस्ट में युवाओं ने दिखाया प्रतिभा का दम

झाँसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में यूथ फेस्टिवल की प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा की दम पर एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी। प्रतियोगिताओं में पहला व दूसरा स्थान पाने की होड़ रही, ताकि नैशनल यूथ फेस्टिवल में प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका मिल सके।

अन्तर विश्वविद्यालय यूथ फेस्टिवल के दूसरे दिन आज सांस्कृतिक, साहित्यक, थियेटर, ललित कला आदि विधाओं की प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ हुआ। आज सुबह से ही विभिन्न मंचों पर प्रतियोगिताएं शुरू हो गयीं। दीक्षान्त मण्डप (मुख्य मंच) पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभागियों ने शास्त्रीय नृत्य में 20 विश्वविद्यालय व लाइट वोकल सोलो की प्रतिस्पर्धा में सभी 23 विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। शास्त्रीय नृत्य में बाबा अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती की कृतिका ने भजन 'हमारी प्रीति निभा दो, मैं तो दासी जनम-जनम की' पर कथक की प्रस्तुति दी। आइटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर की गुंजन माहौर ने 'वन-वन में ढ़ँूढ़न जाऊं, कितऊ छिप गए कृष्ण मुरारी' पर कृष्ण-राधा भक्ति का प्रदर्शन किया। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर की आयूषी लखौटिया ने भी कृष्ण भक्ति की शानदार प्रस्तुति दी। राजा मानसिंह विश्वविद्यालय ग्वालियर के आभास शर्मा ने भी कथक की प्रस्तुति दी। निदिया ने 'मुरालिया बाजे यमुना के तीर' पर कथक प्रस्तुत किया। निर्णायक डॉ. डेजी वालिया, प्रो. बसन्त किरन व प्रो. शालिनी शर्मा रहीं। लाइट वोकल सोलो में डॉ. देवेन्द्र वर्मा, डॉ. कँवलजीत सिंह व उस्ताद डॉ. सैयद खान निर्णायक रहे।

गाँधी ऑडिटोरियम में थियेटर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसके तहत मिमिक्री व स्किट प्रतियोगिता हुई। मिमिक्री में 9 विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया, जबकि छात्र-छात्राओं ने लघु नाटिका के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर कड़ा प्रहार की, जिसमें 19 विश्वविद्यालय की टीम्स शामिल हुई। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की टीम ने नारी के जन्म से लेकर मृत्यु तक सामाजिक बन्धन को लेकर करारा व्यंग्य किया। तैलंगाना की टीम ने रैगिंग के ख़्िाला़फ जोरदार प्रहसन किया। राजा मान सिंह विश्वविद्यालय, ग्वालियर के पर्यावरण सुरक्षा तथा समाज में बढ़ रहे अपराध को लेकर लघु नाटिका प्रस्तुत की। निर्णायक डॉ. इलांगोवन, डॉ. जर्नादन शर्मा, डॉ. जगजीत कौर, डॉ. जॉनी फास्टर रहे। डॉ. गुरदीप कौर त्रिपाठी ने संचालन किया। गाँधी सभागार के बेसमेण्ट हॉल में साहित्यक प्रतिस्पर्धा के तहत विद्यार्थियों ने पक्ष-विपक्ष में विचार व्यक्त करते हुए देश के भौगोलिक, राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक पक्ष की विविधताओं को सामने रखा। इधर, ललितकला विधा की प्रतियोगिताएं राजीव गाँधी इण्डोर स्टेडियम में आयोजित की गयी, जिसमें पोस्टर मेकिंग में स्वच्छ भारत मिशन पर पोस्टर बनाए। साथ ही ऑन स्पॉट पेण्टिंग में 19 विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। क्ले मॉडलिंग प्रतियोगिता में श्रम, संघर्ष व माँ-बेटा की कलाकृति बनायी गयी।

फोटो : 20 एसएचवाई 28, 22

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सांस्कृतिक संध्या में युवाओं ने बिखेरे रंग

0 मेहमान विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए

झाँसी : अन्तर विश्वविद्यालय युवा महोत्सव की दूसरी शाम आज संस्कृति के विभिन्न रूप व रंग से रोशन रही। मेहमान विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

विश्वविद्यालय परिसर में युवा महोत्सव के मुख्य मंच पर सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि अभिनेता राजा बुन्देला व विशिष्ट अतिथि दैनिक जागरण के निदेशक यशोवर्धन गुप्त रहे। अतिथियों को कुलपति प्रो. अविनाश चन्द्र पाण्डेय ने सम्मानित कर स्मृति चिह्न दिए। मुख्य अतिथि राजा बुन्देला ने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्र से प्रतिभाएं निकलकर सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र पहले सबसे आगे था, लेकिन आज विकास की दौड़ में पिछड़ गया है। युवाओं को आगे आकर इस क्षेत्र के विकास के लिए भूमिका निभानी चाहिए। विशिष्ट अतिथि यशोवर्धन गुप्त ने कहा कि आज पढ़ने-लिखने से ही काम नहीं चलेगा, हर एक क्षेत्र में क्रिकेट मैच की तरह ऑलराउण्डर होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यूथ फेस्टिवल जैसे कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की प्रतिभा निखरती है। इसके पहले संयोजन टीम के सदस्यों ने अतिथियों के साथ कुलपति, प्रति कुलपति प्रो. पंकज अत्री, कुलपति की पत्नी डॉ. सरिता पाण्डेय का स्वागत किया। इसके पहले सांस्कृतिक संध्या का प्रारम्भ भोपाल की छात्रा स्नेहा ने गीत '़िजन्दगी कैसी पहेली है..' से किया। बस्तर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आदिवासी लोक कला को प्रदर्शित किया। जबलपुर के प्रेम ने 'गड्डी साड्डी ले जा' पर ब्रेक डांस प्रस्तुत कर वाहवाही पायी। झाँसी की समीक्षा ने सूफी गायन 'नवाजता है तू सबको' तथा सांस्कृति समिति की संयोजक डॉ. रेखा लगरखा की बेटी टिया ने 'थोड़ी-सी हँसी, थोड़ी-सी खुशी' गाकर खूब तालियाँ बटोरी। अमर ने कविता 'शाम भी खूब है, नाम भी खूब है' सुनाया। कविता पर पूरा पण्डाल तालियों व शोर में डूबा रहा। सांस्कृतिक संध्या पर संयोजक प्रो. सुनील कुमार काबिया, डॉ. इकबाल खान, इं. राहुल शुक्ला, केएल सोनकर, डॉ. अनु सिंगला आदि उपस्थित रहे। मो. नईम व शैरोन पॉल ने संचालन किया।

बुन्देलखण्ड के पर्यटन स्थलों की प्रदर्शनी उद्घाटित

झाँसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित बुन्देलखण्ड दर्शन प्रदर्शनी का शुभारम्भ करते हुए कुलपति प्रो. अविनाश चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि वास्तव में बुन्देलखण्ड धरती का स्वर्ग है। पर्यटन की दृष्टि से इसका जो स्थान होना चाहिए, वह इसे अभी तक नहीं मिला है। इसके लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। प्रदर्शनी का आयोजन बुन्देलखण्ड पर्यटन विकास समिति द्वारा किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी डॉ. कल्याण सिंह यादव, एआइयू के जॉइण्ट सेक्रेटरी सैमसन डेविड, प्रो. ओपी कण्डारी, कन्वीनर प्रो. सुनील काबिया आदि उपस्थित रहे। संयोजक श्यामजी निगम व सचिन चतुर्वेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रदर्शनी में कालिंजर व झाँसी के दुर्ग, चित्रकूट के ऐतिहासिक कामदगिरि मन्दिर, पन्ना का टाइगर रि़जर्व व पाण्डव फॉल, खजुराहो व देवगढ़ के विश्व प्रसिद्ध मन्दिर के साथ पारम्परिक दीवारी व राई नृत्य का प्रदर्शन किया गया है।

इधर, यूथ फेस्टिवल के अवसर पर गायत्री परिवार के तत्वावधान में लगाए गए पुस्तक मेले का शुभारम्भ बीती शाम केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री उमा भारती ने किया। पुस्तक मेले में आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा रचित साहित्य प्रदर्शित व बिक्री के लिए रखा गया है। इस दौरान हरिकृष्ण पुरोहित, ओपी बंसल आदि उपस्थित रहे।

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