स्वामी विवेकानंद के चरित्र को आत्मसात करें विद्यार्थी

स्वामी विवेकानंद ने आज से 125 वर्ष पूर्व विश्वबंधुत्व की छवि को पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत किया था। विद्यार्थियों को स्वामी के चरित्र को आत्मसात करना चाहिए। यह बातें पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आरआर यादव ने मंगलवार को जनसंचार विभाग में स्वामी विवेकानंद के विश्व धर्म सम्मेलन शिकागों में दिए संबोधन की 125 वीं वर्षगांठ पर आयोजित गोष्ठी में कही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 11:20 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 11:20 PM (IST)
स्वामी विवेकानंद के चरित्र को आत्मसात करें विद्यार्थी
स्वामी विवेकानंद के चरित्र को आत्मसात करें विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, जौनपुर : स्वामी विवेकानंद ने आज से 125 वर्ष पूर्व विश्वबंधुत्व की छवि को पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत किया था। विद्यार्थियों को स्वामी के चरित्र को आत्मसात करना चाहिए। यह बातें पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरआर यादव ने मंगलवार को जनसंचार विभाग में स्वामी विवेकानंद के विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो में दिए संबोधन की 125 वीं वर्षगांठ पर आयोजित गोष्ठी में कही।

इसके पूर्व सरस्वती सदन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.डा.राजाराम यादव ने अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय के विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद पर केंद्रित पुस्तक व्यक्तित्व का विकास वितरित किया। विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने माल्यार्पण किया। संकाय अध्यक्ष डा.मनोज मिश्र ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हर युवा के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। विचार गोष्ठी में डा.सुनील कुमार, डा.दिग्विजय ¨सह, आदित्य, सौम्या, महेंद्र, बलराम एवं सुरेश ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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