संशोधित..रामनगर की तर्ज पर होती है शाहगंज की रामलीला

नगर में आयोजित होने वाली रामलीला विजय दशमी व भरत मिलाप का भव्य आयोजन पूर्वाचल में एक विशिष्ट स्थान रखता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Oct 2019 05:38 PM (IST) Updated:Fri, 04 Oct 2019 05:38 PM (IST)
संशोधित..रामनगर की तर्ज पर होती है शाहगंज की रामलीला
संशोधित..रामनगर की तर्ज पर होती है शाहगंज की रामलीला

जागरण संवाददाता, शाहगंज (जौनपुर): नगर में आयोजित होने वाली रामलीला, विजय दशमी व भरत मिलाप का भव्य आयोजन पूर्वाचल में एक विशिष्ट स्थान रखता है। रामलीला मंचन की शुरुआत 151 वर्ष से भी अधिक समय पूर्व पंडित अनंत राम शर्मा ने की थी। तभी से परंपरानुसार रामलीला, विजयदशमी और भरत मिलाप का मंचन होता चला आ रहा है।

शाहगंज की ऐतिहासिक रामलीला की शुरुआत करीब 151 वर्ष से भी अधिक समय पूर्व पंडित अनंत राम के घर के सदस्य और नगर के युवकों द्वारा की गई थी। सभी पात्र स्थानीय होते थे और बड़ा ही रोचक प्रस्तुतिकरण होता था। शुरुआत में लीला का मंचन पुराना चौक में होता था। बाद में पश्चिमी कौड़िया पक्का पोखरा पर बाबू छेदीलाल के दरवाजे पर रामलीला का मंचन होने लगा। समय के साथ रामलीला कलेक्टरगंज के चबूतरे पर पहुंची। नई आबादी में रामलीला मैदान के बगल चबूतरे पर भी तीन दिन रामलीला का मंचन किया जाता है। वर्तमान समय में दिन की लीला पक्का पोखरा पर, रात की रामलीला कलेक्टरगंज में मंचित की जाती है। इसके साथ ही नई आबादी में तीन दिन रामलीला का मंचन होता है। पुराना चौक पर भरत मिलाप की परंपरा है। गौरवशाली रामलीला मंचन, विजयदशमी मेला व भरत मिलाप आदि के आयोजन के संबंध में श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष रूपेश जायसवाल कहते हैं कि इस वर्ष हमारा प्रयास है कि इस गौरव से आमजन को जोड़ा जाय। इसके लिए लीला मंचन के कार्यक्रम आदि का होडिग सोशल व ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रचार आदि का सहारा लिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि श्रीराम का आदर्श लोगों की जीवन व उनके चरित्र में उतरे। रामलीला समिति के लीला प्रमुख इंदुनाथ पांडेय बैजू महराज बताते हैं कि मेघनाथ, कुंभकर्ण व रावण वध की लीला मंचन विजयदशमी के दिन रामलीला मैदान में होता है। ऐतिहासिक विजयदशमी में रावण का पुतला आकर्षण का केंद्र होता है। इसकी लंबाई 85 फीट होती है जबकि सुलोचना व मेघनाथ के पुतले की लंबाई 40 फीट होती है। भरत मिलाप के कार्यक्रम में प्रभु श्रीराम का पुष्पक विमान आकर्षण का केंद्र होता है। साथ ही सुंदर लाग विमान व मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी लोगों के लिए दर्शनीय होती हैं। 19 दिन रामलीला मंचन व नौ दिनों का धनुष यज्ञ खुद में बेमिसाल है।

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