सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं

भगवान जिस प्राणी को चाहते हैं वही भगवान को जान सकता है। श्रीमछ्व भागवत कथा सुनने मात्र से इस कलयुग में मानव की मुक्ति संभव है। इस संस्कार में सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उक्त बातें बरसठी के कान्हपुर गांव में हरिनाम ¨सह के आवास पर भागवत कथा के छठवें दिन पं अच्युतानंद महराज ने कही। उधर थानागद्दी क्षेत्र के छातीडीह गांव में चल रहे श्रीमछ्वागवत कथा के तीसरे दिन पंडित ओमकारनाथ कहा कि भागवत हमें यही संकेत करता है कि वंदनीय जनों का तिरस्कार करना अनर्थकारी होगा। इस अवसर पर डा. अजयेंद्र कुमार दुबे, शिवानंद शुक्ल, राधेश्याम गुप्त, डा. लाल चंद गुप्त, आदर्श श्रीवास्तव, अजय मिश्र, अभिषेक ¨सह, पंडित भूषण मिश्र, राम सुमेर मिश्र, उमेश उपाध्याय, राधेश्याम मिश्र, विद्यानिवास, अनिल कुमार संतोष, शिवम, शुभम पांडेय, कृष्ण कुमार मिश्र, बृजवासी देवी, जड़ावती देवी, लीलावती सरोज, रीता, सीता, सुमन पांडेय आदि उपस्थित रहे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 10:33 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 10:33 PM (IST)
सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं
सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं

जौनपुर : भगवान जिस प्राणी को चाहते हैं वही भगवान को जान सकता है। भागवत कथा सुनने मात्र से इस कलयुग में मानव की मुक्ति संभव है। इस संस्कार में सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उक्त बातें बरसठी के कान्हपुर गांव में हरिनाम ¨सह के आवास पर भागवत कथा के छठवें दिन पं अच्युतानंद महराज ने कही। उधर थानागद्दी क्षेत्र के छातीडीह गांव में चल रहे श्रीमछ्वागवत कथा के तीसरे दिन पंडित ओमकार नाथ कहा कि भागवत हमें यही संकेत करता है कि वंदनीय जनों का तिरस्कार करना अनर्थकारी होगा। इस अवसर पर डा. अजयेंद्र कुमार दुबे, शिवानंद शुक्ल, राधेश्याम गुप्त, डा. लाल चंद गुप्त, आदर्श श्रीवास्तव, अजय मिश्र, अभिषेक ¨सह, पंडित भूषण मिश्र, राम सुमेर मिश्र, उमेश उपाध्याय, राधेश्याम मिश्र, विद्यानिवास, अनिल कुमार संतोष, शिवम, शुभम पांडेय, कृष्ण कुमार मिश्र, बृजवासी देवी, जड़ावती देवी, लीलावती सरोज, रीता, सीता, सुमन पांडेय आदि उपस्थित रहे।

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