कयामत तक मनाते रहेंगे इमाम हुसैन का गम : मौलाना नावेद
-या हुसैन या अब्बास की सदा के साथ गूंजता रहा शहर -शबीहे ताबूत अलम और जुलजनाह का मिलन देख लोग हुए गमजदा -सातवीं मोहर्रम शनिवार को निकला मातमी जुलूस जागरण संवाददाता जौनपुर कर्बला के शहीद हजरत इमाम हुसैन और 71 साथियों की याद में सातवीं मोहर्रम को जिले में कई स्थानों पर मातमी जुलूस निकाला गया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कर्बला के शहीद हजरत इमाम हुसैन और 71 साथियों की याद में सातवीं मोहर्रम को जिले में कई स्थानों पर मातमी जुलूस निकाला गया। जुमनों ने दर्द भरे नौहे पढ़ने के साथ-साथ जंजीर और छुरियों का मातम कर नजराने अकीदत पेश किया। नगर के बलुआघाट स्थित हाजी मोहम्मद अली खां के इमामबाड़े में सातवीं मोहर्रम के ऐतिहासिक जुलूस की मजलिस झांसी से आए मौलाना नावेद आब्दी ने पढ़ते हुए कहा कि कर्बला को शायद ही कोई भुला सकता है। जिस तरह से हजरत अली और उनके बेटों ने इस्लाम को बचाने के लिए अपना भरा घर लुटा दिया वो कयामत तक लोग याद रखते रहेंगे। आज पूरी दुनिया में उनका गम मनाया जा रहा है। इसमें सभी सम्प्रदाय के लोग शामिल होते हैं। कर्बला में उस वक्त सबसे बड़ा आतंकवाद यजीद का था जिसने अपनी सारी हदें पार करते हुए हजरत मोहम्मद मुस्तफा के नवासों को तीन दिन का भूखा प्यासा, शहीद कर दिया था। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत अलम और जुलजनाह निकाला गया। जिसमें अंजुमन हुसैनिया नौहाख्वानी और सीनाजनी करते हुए जुलूस को नवरोज के मैदान तक ले गई। वहां एक तकरीर को खेताब गुलामुल सकलैन ने किया। तकरीर के बाद इमामबाड़ेअली नज़फ से शबीहे तुर्बत और झुला अली असगर निकाला गया जिसे अलम, ताबूत और दुलदुल से मिलाया गया। जुलूस पुन: हाजी मोहम्मद अली के इमामबाड़े में जाकर समाप्त हुआ। अखाड़ों ने करतब का किया प्रदर्शन
मड़ियाहूं (जौनपुर): सदरगंज मोहल्ला स्थित रेलवे गेट से दोपहर 2 बजे सदरगंज नवयुवक अखाड़ा सब्जी मंडी के नेतृत्व में आधा दर्जन अखाड़ा कमेटियों के खिलाड़ियों ने लाठी, गतका फरी, बाना आदि का करतब लगभग दर्जन भर स्थानों पर रुक- रुक कर दिखाते हुए तथा ढोल ताशे का जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए काजीकोट बड़ी मस्जिद पर शाम को समाप्त हुआ। अखाड़े में मुख्य रूप से कफील राईन, अत्ताउल्लाह खान, फिरोज अंसारी, गुड्डू खान, मुन्ना राईन, साजिद खान, बच्चा राईन आदि रहे। कोतवाल दिनेश प्रकाश पांडेय पुलिस बल के साथ साथ चल रहे थे। रूट डायवर्जन की जिम्मेदारी उप निरीक्षक सुरेंद्र दुबे की थी।