मां के जयकारे से गूंजे देवी मंदिर व पूजा पंडाल
जागरण संवाददाता जौनपुर शारदीय नवरात्र में गुरुवार को मनोवांछित फल देने वाली व दुख हरने
जागरण संवाददाता, जौनपुर: शारदीय नवरात्र में गुरुवार को मनोवांछित फल देने वाली व दुख हरने वाली मां दुर्गा के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी का भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। इस दौरान पूजन को देवी मंदिरों व पूजन पंडालों में भक्तों की भीड़ रही। देवी गीतों और मां के जयकारे से जनपद देवीमय हो गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु चौकिया स्थित मां शीतला का दर्शन कर विध्याचल के लिए रवाना हुए।
चौकिया धाम में मां कात्यायनी स्वरूपा के दर्शन को दिनभर भक्त उमड़े रहे। बताया जाता है मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था। ऐसे में इनको कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है। यह ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। कुंवारी कन्याएं योग्य और मनचाहा पति के लिए इनकी आराधना करती हैं। मां भक्तों के दुख हरने वाली हैं। चौकिया धाम में भक्तों ने कतारबद्ध होकर दर्शन-पूजन किया। भोर साढ़े चार बजे मां की आरती शिवकुमार पंडा ने किया। भक्तों की भारी भीड़ देखते हुए कंट्रोल रूम से निरंतर लाइन में लगकर दर्शन करने तथा भीड़ को नियंत्रित करने संबंधी चेतावनी दिया जा रहा था। इसी क्रम में शहर के पांचों शिवाला, बारीनाथ मठ, जागेश्वर नाथ मंदिर, ओलंदगंज के चौरा माता मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, विसर्जन घाट, हनुमान घाट, अचला देवी घाट समेत विभिन्न मंदिरों में भी महिलाएं और पुरुषों ने देवी का पूजन किया। वहीं दुर्गापूजा पंडालों में श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन-पूजन किया।
पंडाल न सजने पर मायूसी
केराकत (जौनपुर): वैश्विक महामारी के संक्रमण को देखते हुए शासन-प्रशासन की गाइड लाइन के चलते बाजारों में अधिकांश पंडाल नहीं सजे। पंडालों और मेला जैसी गतिविधियों पर रोक लगने से लोग मायूस हैं। नवरात्र के समय होने वाली रौनक खत्म सी हो गई है।