दो माह में लगे तीन सौ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम

जिसमें बदलापुर बक्शा करंजाकला केराकत महराजगंज मुफ्तीगंज सिकरारा सिरकोनी ब्लाक है।जिसमें बदलापुर बक्शा करंजाकला केराकत महराजगंज मुफ्तीगंज सिकरारा सिरकोनी ब्लाक है। जिसमें बदलापुर बक्शा करंजाकला केराकत महराजगंज मुफ्तीगंज सिकरारा सिरकोनी ब्लाक है। जिसमें बदलापुर बक्शा करंजाकला केराकत महराजगंज मुफ्तीगंज सिकरारा सिरकोनी ब्लाक है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 05:13 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 05:13 PM (IST)
दो माह में लगे तीन सौ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
दो माह में लगे तीन सौ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम

जागरण संवाददाता, जौनपुर : सरकार की तरफ से जल संचयन को लेकर चलाए गए अभियान का असर जिले में दिखने लगा है। सार्थक पहल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत दो दशक में जहां रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की संख्या दहाई तक सिमटी रही वहीं दो माह में ही तीन सौ से अधिक सिस्टम लग गये। इतना ही नहीं लगभग आठ सौ लोगों ने महत्वाकांक्षी योजना में सहभागिता करते हुए पानी को भूगर्भ में पहुंचाने के लिए गड्ढे की खोदाई भी करायी है।

जिले के आठ ब्लाक डार्क जोन घोषित किए जा चुके हैं। जिसमें बदलापुर, बक्शा, करंजाकला, केराकत, महराजगंज, मुफ्तीगंज, सिकरारा, सिरकोनी शामिल हैं। यहां पर लगातार जल दोहन व जल संरक्षण न होने के कारण भूगर्भ का जलस्तर नीचे चला गया है। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से कुछ माह पहले जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया। जिले में जल संरक्षण के लिए पांच सीनियर आइएएस की टीम को लगाया गया था। इनके द्वारा डार्क जोन ब्लाकों में 15 जुलाई से 15 सितंबर तक दो माह तक जबरदस्त अभियान चलाया गया। इन्होंने इसकी मानीटरिग भी की। इनके द्वारा डार्क जोन ब्लाकों में जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम व गड्ढा खोदवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। इसमें सरकारी व व्यावसायिक दोनों प्रकार के भवनों को नोटिस देकर इसे बनाने का निर्देश दिया गया। स्कूल-कालेजों को सबसे पहले प्रेरित किया गया कि वह छतों से गिरने वाले वर्षा के पानी का संचयन भूगर्भ में करें। साथ ही जल संरक्षण के लिए छात्र-छात्राओं को जागरूक किया गया। इन डार्क जोन ब्लाकों में एक लाख से अधिक पौधरोपण कराए गए हैं। जिसका असर कुछ ही सही लेकिन सकारात्मक रूप में दिखाई देने लगा है। बोले डीएम..

जलशक्ति अभियान में सीनियर आइएएस के निर्देशन में गिरते भूगर्भ के जलस्तर को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्कूल-कालेजों, व्यावसायिक भवनों, अस्पताल, मैरिज लान, होटलों आदि में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने या गड्ढा खोदकर वर्षा जल के संरक्षण का निर्देश दिया गया था। इस कड़ी में थोड़ा ही प्रयास है, जिसको आगे और गति दी जाएगी।

-अरविद मलप्पा बंगारी-जिलाधिकारी। कहां कितने लगे हैं सिस्टम..

डार्क डोन घोषित ब्लाकों महराजगंज में 46, केराकत में 29, करंजाकला में 33, बक्शा में 44, बदलापुर में 69, सिरकोनी में 30,सिकरारा में 61 व मुफ्तीगंज में 18 सहित कुल तीन सौ तीस वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए गए हैं।

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