चढ़े तो बनी उतरने से पहले ही गिर गई सरकार

By Edited By: Publish:Fri, 18 Apr 2014 10:37 PM (IST) Updated:Fri, 18 Apr 2014 10:37 PM (IST)
चढ़े तो बनी उतरने से पहले ही गिर गई सरकार

जौनपुर : देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा के चुनाव का सियासी बुखार लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। मौका मिलते ही शुरू हो जाता है राजनीतिक समीक्षा करने का दौर। अब तो सफर करने वाले यात्रियों पर भी चुनावी ताप तेज हो गया है। बस में चढ़ते ही प्रधानमंत्री बना दिया जाता है। उसके कुछ ही देर बाद बनाए जाते हैं सांसद। फिर होता है यात्रियों में वाक युद्ध, जिसके चलते उतरते-उतरते बनी-बनाई सरकार ही गिर जाती है। पेश है जौनपुर से मछलीशहर तक यात्रा करने वाले यात्रियों की बातचीत पर आधारित एक रिपोर्ट। समय रात आठ बजे। स्थान रोडवेज परिसर जौनपुर। रोजाना आने जाने वाले छोटेलाल तिवारी, राकेश सिन्हा, कमलेश पांडेय, संजय तिवारी, संगम कुमार, अजय यादव आदि एक दूसरे को फोन कर रोडवेज बस जाने की जानकारी देते हुए बुला लेते है। कारण इन दिनों बस चुनाव संबंधी काम में लग जाने के कारण उनकी संख्या बहुत कम हो गई है। कारण बस में कई लोग खड़े होकर सफर कर रहे थे। पहले एक दूसरे के लोग कुशलक्षेम पूछते है। बस पालीटेक्निक चौराहे तक पहुंचती है कि यात्री कमलेश पांडेय बोल पड़ते है अरे भइया का विचार बा के बने प्रधानमंत्री। तभी राकेश सिन्हा तपाक से जवाब देते है, अरे जेकर आधी चलत बा और के बनी। इस पर कई लोगों ने समर्थन भी दे दिया। अब छोटेलाल तिवारी पान की पीक थूकते हुए बोल पड़ते है बस करअ विच्छी क मंत्रई न जानई की कीरा के बिली में अगुरी नावत थय, पहिले रास्ता त साफ होई द। तभी संगम तिवारी बोल पड़ते है सही कहला चच्चा। इस पर श्री तिवारी बोल पड़ते है अरे भाई हम कब गलत बोलथइ, जिसे सुन कमलेश पांडेय कहते है तब किसकी सरकार बनेगी। जय सिंह यादव कहते है, तीसरे मोर्चा की सरकार बनेगी। फिर बीच में कूदते हैं सिन्हा जी, 'अरे कइसे कहथ बाटअ, अच्छा बतावा अबतक कभऊ एक अदमी क इतनी बड़ी आंधी चलल रहल। जिसपर बस में खड़े अन्य लोग भी समर्थन करते हुए चर्चा शुरू कर देते है। इसी बीच आवाज आती है अरे तहार बात त सही बा पर उनके ही घरही में अंदर-अंदर आग सुलगत बा ओके त देख। तभी मो. अनवर बोल पड़ते है अमें छोड़ इ बतावा इहा से पहिले का होई, जबन हमहन के बस में बा। अब बात दिल्ली से आकर जौनपुर मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र पर केंद्रित हो गई। तब-तक बस सिकरारा बाजार के चौराहे पर पहुंच चुकी थी। आधी सीटें भी खाली हो गई। अन्य सीटों के कुछ लोग भी आकर वही बैठ गए। कोई किसी का टिकट काट रहा तो कोई किसी की अभी से ही जमानत ही जब्त कराने में जुट गया। गुलजारगंज बाजार बस पहुंचते-पहुंचते जातीय समीकरण पर भी चर्चा शुरु हो गई। मो. सलीम बोले, इबार त पंडित जी लोगन लोटा बजाई दे ही.बात काटते हुए आशीष शुक्ला कहने लगे तू पचन केहर जाबअ जेहर क हवा बा। तभी मो. अनवर बोल पड़े अमें चुप इ राजनीति खाना घरें पहुंचाई का और बतावा का हाल बा। फिर बोल पड़े श्री तिवारी देखअ जवन समीकरण बनत बा उके देखअई के बात त लगत बा पूर्ण बहुमत में तक सरकार केहूं क न बनी पाई। बनबऊ करी त पांच साल चली न। तभी राकेश सिन्हा टपकते हैं, अरे तिवारी जी चलअ घर आईगबा संहारी के उतरअ। सभी हंसते-हंसते उतर जाते है। करीब घंटे भर की यह राजनीतिक हलचल कब कैसे पूरी हो गई पता ही नहीं चला। यही स्थिति इन दिनों हर मार्ग पर देखने को मिल रहे है।

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