तरस आता है अपने हाकिम की फकीरी पर..

जागरण संवाददाता, उरई : जिला प्रशासन द्वारा टाउनहाल मैदान में आयोजित जालौन महोत्सव में चल रह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Dec 2018 07:04 PM (IST) Updated:Fri, 07 Dec 2018 07:04 PM (IST)
तरस आता है अपने हाकिम की फकीरी पर..
तरस आता है अपने हाकिम की फकीरी पर..

जागरण संवाददाता, उरई : जिला प्रशासन द्वारा टाउनहाल मैदान में आयोजित जालौन महोत्सव में चल रहे कार्यक्रमों को देखने के लिए भारी भीड़ जुट रही है। लोग इस आयोजन का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। गुरुवार की देर शाम हुए मुशायरे में नामी गिरामी शायरों ने शमां बांध दिया। उनको सुनने के लिए लोग देर रात तक अपने स्थान पर जमे रहे। शायरों की रचनाओं को सुनकर लोगों ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। जाने माने शायर राहत इंदौरी ने तरस आता है अपने हाकिम की फकीरी पर सुनाकर सभी का दिल जीत लिया।

मुशायरे का कार्यक्रम देखने के लिए लोग कई दिनों से इंतजार कर रहे थे। इसमें जाने माने शायरों का आना था जिससे लोगों की उत्सुकता उनको देखने और सुनने की थी। गुरुवार की देर शाम को मुशायरे का आयोजन किया गया। इसमें कई जनपदों प्रांतों के शायरों ने सहभागिता की। हर किसी ने अपनी बेमिशाल रचनाएं प्रस्तुत कीं। हर शायर की रचना सुनने के लिए लोग बेहद उत्सुक नजर आ रहे थे। मशहूर शायर राहत इंदौरी ने पढ़ा कि ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे, जो हो परदेश में तो किससे रजाई मांगे, अपने हाकिम की फकीरी पर तरस आता है जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे। उनकी इस रचना को सुनकर पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो गया। इसके अलावा भी उन्होंने कई अन्य रचनाएं सुनाकर लोगों को दिल जीता। नईम अख्तर खादमी ने पढ़ा कि देखने में रंग उसका नीला न था, इसका मतलब यह नहीं कि वह जहरीला न था, आज ऐसा क्या हुआ जिससे चेहरा आपका पहले तो पीला था लेकिन इतना पीला न था। जमील खैराबादी ने नाते पाक पढ़ा। असद ललितपुरी ने पढ़ा कि हम ये न देखें कि ¨हदू मुसलमान कौन हैं, इसका पता लगाएं कि इंसान कौन है। हम न उलझें मंदिर मस्जिद में, घर-घर जाकर देखें परेशान कौन है। अख्तर जलील अख्तर ने पढ़ा कि गोदी में खेलने के जमाने चले गए, बच्चे बड़े हुए तो कमाने चले गए, कुछ लोग ढूंढते रहे जन्नत जमीं पर कुछ लोग मां के पांव दबाने चले गए। चांदनी पांडेय ने पढ़ा कि मुझसे रोते हुए चेहरे देखे नहीं जाते, किसे तलाश करूं किसे बुलाउंगी, खुद अपनी जंग लड़ूं तो खुद जीत जाउंगी। पुलिस कप्तान ने भी बटोरीं जमकर तालियां

एसपी डा. अर¨वद चतुर्वेदी ने पढ़ा कि मेरी तन्हाइयों को राजदारों तुम न सो जाना, बहुत जागा हूं सितारों तुम न सो जाना। उनकी रचना पर सभी ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। इस्माई नयर सहित कई शायरों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। देर रात तक कार्यक्रम चलता रहा। इस मौके पर जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर, अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार ¨सह, जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल, डा. राकेश निरंजन, डा. रविशंकर अग्रवाल सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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