मलंगा में बहा शौच को गया अधेड़, मौत

संवाद सहयोगी, कोंच : मलंगा नाले का रौद्र रूप अब जानलेवा हो चुका है। रविवार को घर से शौच

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Sep 2018 05:23 PM (IST) Updated:Sun, 09 Sep 2018 05:23 PM (IST)
मलंगा में बहा शौच को गया अधेड़, मौत
मलंगा में बहा शौच को गया अधेड़, मौत

संवाद सहयोगी, कोंच : मलंगा नाले का रौद्र रूप अब जानलेवा हो चुका है। रविवार को घर से शौच क्रिया को निकला अधेड़ पैर फिसलने से उसमें बह गया। पत्नी के सामने देखते ही देखते पानी में समा गया। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन की मदद से उसका शव नाले से बरामद किया।

नगर के मोहल्ला गोखले नगर निवासी ब्रजकिशोर पांचाल (58) पुत्र शंभू पांचाल शौच क्रिया के लिए पत्नी मोती कुंवर के साथ रविवार सुबह पांच बजे घर से निकला था। शौच क्रिया के बाद वह नाले के किनारे पहुंचा और पानी लेने लगा। तभी उसका पैर फिसल गया और वह सीधा नाले के पानी में जा गिरा। मोती कुंवर ने जब पति को पानी में गिरते हुए देखा तो उसने मदद के लिए लोगों को आवाज दी। कुछ ही देर में जुट गई भीड़

घटना रिहायशी आबादी के बीच की थी इसलिए कुछ ही समय मे वहां काफी भीड़ जमा हो गई। कुछ तैराक युवक तुरंत पानी में कूद गए और खोजबीन शुरू कर दी। सूचना पाकर पहुंचे एसडीएम गुलाब ¨सह, ईओ बुद्ध प्रकाश यादव, कोतवाल देवेंद्र ¨सह घटनास्थल पर पहुंचे और पानी शव को तलाश रहे तैराक उत्साही युवकों का मनोबल बढ़ाया। मोहल्ले के तैराकों ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बृजकिशोर का शव घटना स्थल से 150 मीटर दूर शंभू सहाव मंदिर के पुल के पिलर के पास बेसरम में फंसा देखा। जिसे प्रशासन की मदद से पानी से बाहर निकाला गया। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आर्थिक मदद का आश्वासन

पति का शव देखते ही मोती कुंवर पछाड़ खाकर गिर गई। एसडीएम ने मृतक की पत्नी को शासकीय आर्थिक मदद दिलवाए जाने का भरोसा दिया है। घर में शौचालय होता तो बच जाती जान

एक ओर जहां प्रशासन दावा कर रहा है कि नगर का अधिकांश इलाका ओडीएफ किया जा चुका है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। बृजकिशोर पांचाल निहायत गरीब था। बढ़ई गिरी का धंधा कर बमुश्किल परिवार का खर्चा चलाया करता था। घर में शौचालय निर्माण के लिए उसके पास जगह तो थी लेकिन पैसे नहीं थे। लोगों में चर्चा थी कि अगर ब्रजकिशोर के घर में शौचालय होता तो उसे और उसकी पत्नी को खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़ता और ब्रजकिशोर की पानी में डूबने से मौत नहीं होती। कई परिवार अभी भी जा रहे खुले में शौच

इतना ही नहीं इस इलाके में अभी भी ऐसे 60 परिवार हैं जो पात्र भी हैं और उनके घरों में शौचालय भी नहीं हैं। यह परिवार आज भी खुले में शौच के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर जा रहे हैं।

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