यातायात में बाधक बन रहे ऑटो व ई-रिक्शा

जागरण संवाददाता उरई शहर में ऑटो व ई-रिक्शा की बाढ़ सी आ गई है। इनकी तादाद अधिक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Mar 2019 06:49 PM (IST) Updated:Sun, 10 Mar 2019 06:49 PM (IST)
यातायात में बाधक बन रहे ऑटो व ई-रिक्शा
यातायात में बाधक बन रहे ऑटो व ई-रिक्शा

जागरण संवाददाता, उरई : शहर में ऑटो व ई-रिक्शा की बाढ़ सी आ गई है। इनकी तादाद अधिक होने से यातायात पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। सवारियां बैठाने की होड़ में चालक बीच सड़क पर ऑटो, ई- रिक्शा खड़ी कर देते हैं। जिससे जाम लगने लगता है। तमाम नाबालिग बच्चे तक ई-रिक्शा संचालित करते देखे जा सकते हैं। कड़ी कार्रवाई के अभाव में इनके हौसले बुलंद बने हुए हैं।

यातायात व्यवस्था बेपटरी रहने की वजह कम चौड़ी सड़कें तो हैं ही, इसमें ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा की बड़ी तादाद भी है। शहर की आबादी के हिसाब से देखा जाए तो यहां पर लगभग तेरह सौ ऑटो और एक हजार ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं। सवारियां तो सीमित ही रहती हैं लिहाजा इनमें सवारियों को बैठाने की होड़ मची रहती है। हर चौराहे पर आटो चालक सवारियों को बुलाते दिखाई देते हैं। यह लोग अपना ऑटो या ई-रिक्शा सड़क पर ही खड़ा कर देते हैं। अगर चौराहे पर कोई सिपाही हुआ तो चौराहे से थोड़ा हटकर सड़क पर ऑटो लगा देते हैं। जिससे जाम की समस्या खड़ी हो जाती है। हालत यह होती है कि कभी कभी पैदल चलने वाले भी अपने को असहज महसूस करने लगते हैं। इतना ही नहीं तमाम नाबालिक बच्चे भी ई-रिक्शा चलाते देखे जा सकते हैं। कार्रवाई न होने की वजह से इनके हौसले बढ़े हुए हैं। दृश्य एक : कालपी स्टैंड से जिला परिषद को जाने वाली सड़क के मोड़ पर सवारियां बैठाने के लिए ऑटो व ई-रिक्शा चालक आधे अधिक सड़क घेरकर खड़े हो जाते हैं। जिससे अन्य वाहनों के निकलने में असुविधा का सामना करना पड़ता है। अगर टीआइ की गाड़ी दूर से आती दिखाई देती है तो यह भाग खड़े होते हैं। पांच मिनट बाद फिर से उसी तरह का नजारा देखा जा सकता है। दृश्य दो : जिला परिषद तिराहे पर कोंच स्टैंड, जालौन चुंगी व बघौरा आदि स्थानों पर जाने के लिए आटो सड़क पर खड़े दिखाई देते हैं। आधा तिराहा तो हमेशा ऑटो व ई-रिक्शा से घिरा रहता है। यहां पर सब्जी की दुकानें भी लगती हैं। जिससे यातायात में असुविधा का सामना करना पड़ता है। यहां से अधिकारियों की गाड़ियां भी निकलती हैं लेकिन किसी का ध्यान ही नहीं जाता है। दृश्य तीन : रेलवे स्टेशन पर अगर कोई ट्रेन आती तो ऑटो चालक पूरी सड़क घेरकर खड़े हो जाते हैं। पैदल जाने वाली सवारियों तक को निकलने की जगह नहीं बचती है। सवारियां बैठाने के चक्कर में ऑटो चालक अपने वाहन को इधर उधर नचाते रहते हैं। एक तरफ से दूसरी तरफ तो कोई वाहन जा ही नहीं सकता है। शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रैफिक सिपाहियों व होमगार्ड को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी ऑटो व ई-रिक्शा चौराहे पर खड़े नहीं होने पाएं। इसके अलावा अभियान भी जल्दी ही संचालित किया जाएगा। एआरटीओ के साथ मिलकर अभियान संचालित होगा। नाबालिग वाहन चलाते पकड़े गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -संतोष कुमार सीओ ट्रैफिक

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