काम न मिलने से 250 परिवारों का पलायन

प्रदीप गौरव, माधौगढ़ ग्राम पंचायत बघावली कस्बा का मजरा है। एक हजार की आबादी है। इस गांव में के कर

By Edited By: Publish:Sat, 28 Mar 2015 09:00 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2015 09:00 PM (IST)
काम न मिलने से 250 परिवारों का पलायन

प्रदीप गौरव, माधौगढ़

ग्राम पंचायत बघावली कस्बा का मजरा है। एक हजार की आबादी है। इस गांव में के करीब 250 लोग पलायन कर बड़े शहरों में मजदूरी करने को चले गये हैं। इससे गांव में सन्नाटा पसरा रहता है। मनरेगा का काम न मिलने से बर्बाद हुए किसानों को काम न मिलने से पलायन करने की सोच रहे हैं।

विशंभर सिंह, छोटेलाल, मूलचरन, रामाधार का कहना है कि उनके पास एक से दो एकड़ जमीन है जो पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। दाने दाने को मोहताज हैं। जिससे अपने परिवार का गुजारा चलाने के लिए वे कुछ दिनों बाद गांव से पलायन कर बड़े शहरों में जाकर मजदूरी करेंगे। उन्होंने बताया कि गांव के लक्ष्मण, बाला प्रसाद, फूल सिंह, रूप सिंह, नन्हे सिंह, जगदीश, गयाप्रसाद सहित कई ग्रामीण गांव से पलायन कर गुजरात, मुंबई, अहमदाबाद, सूरत में मजदूर कर रहे हैं। 5 घरों में तो पूरी तरह ताले लटके हुए हैं। यहां पर जीविका का मुख्य साधन कृषि है, लेकिन टीहर माइनर गांव के किनारे से निकली हुई है। जिससे पानी लीकेज होने के कारण आसपास के किसानों के खेत हमेशा भरे रहते हैं जिससे इन खेतों में कोई पैदावार नहीं होती। जीविका चलाने के लिए ये लोग भी पलायन कर चुके हैं और जमीनें बंजर हो रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पूरे चार साल बीत जाने के बाद भी आज तक जाबकार्ड खाली पड़े हैं। काम न मिलने से मजदूरी के लिए बाहर पलायन करके जाना पड़ता है। प्रधान अलकेश का कहना है कि कस्बा ग्राम पंचायत से तीन मजरे संबद्ध हैं जिससे सभी मजरों बारी बारी से विकास कराये जायेंगे और सभी लोगों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा। बीडीओ बब्बन राय का कहना है कि अतिवृष्टि, बारिश से बर्बाद हुए किसान परिवारों को हर हाल में प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा के तहत काम दिया जायेगा। जिससे कि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके।

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