दलित विरोधियों का बड़ा अखाड़ा है सपा : निर्मल

अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष का हमला अनुसूचित जाति विरोधी काम गिनाए गठबंधन को अवसरवादी बताया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 12:29 AM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 12:29 AM (IST)
दलित विरोधियों का बड़ा  अखाड़ा है सपा : निर्मल
दलित विरोधियों का बड़ा अखाड़ा है सपा : निर्मल

संस, हाथरस : अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी निर्मल ने महागठबंधन पर निशाना साधा। सपा के दलित विरोधी काम गिनाए और कहा कि गठबंधन के नेता अवसरवादी हैं। चुनाव में सपा-बसपा को दस सीटें भी नहीं मिलेंगी। चुनाव बाद गठबंधन स्वत: टूट जाएगा।

भाजपा नेता रामवीर सिंह भैयाजी के आवास पर प्रेसवार्ता में निगम के अध्यक्ष ने कहा कि सपा दलित विरोधियों का अखाड़ा है। अखिलेश यादव देश की राजनीति का सबसे बड़ा दलित विरोधी चेहरा हैं। सपा के काल में दलितों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ। सपा ने दलितों के प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया। संसद में आरक्षण बहाली के बिल को सपाइयों ने फाड़ दिया था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोई पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की थी। इस आदेश से लाखों दलित कर्मचारी और अधिकारी रिवर्ट हो गए। सपा के समय में ही दलितों की जमीन पर सबसे ज्यादा अवैध कब्जे किए गए। दलितों पर सबसे ज्यादा हमले भी हुए। निर्मल ने कहा कि सपा ने किसी दलित को एमएलसी नहीं बनाया। किसी दलित को राज्यसभा नहीं भेजा। सपा से कोई दलित जिलाध्यक्ष नहीं बना। यही नहीं सपा के समय में किसी दलित को यशभारती पुरस्कार तक नहीं दिया गया।

निर्मल ने कहा कि सपा सरकार ने 2016 में नई राजस्व संहिता बनाकर ग्राम समाज की भूमि के आवंटन में दलितों को प्राथमिकता के नियम को खत्म कर दिया। सबसे पहले 2015 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अखिलेश सरकार ने ही प्रदेश में दलित विरोधी 13 प्वाइंट रोस्टर लागू किया था। अखिलेश यादव ने कुर्सी संभालते ही एक गैर दलित को अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बना दिया। उन्होंने कहा कि मायावती लाख कह लें, कोई दलित सपा को वोट नहीं देगा। निर्मल ने मायावती पर लोकसभा का टिकट बेचने का आरोप भी लगाया।

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