फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी पाने वाली शिक्षिका बर्खास्त

अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने के बाद उजागर हुआ था मामला कार्रवाई पीलीभीत के बीएसए ने नियुक्ति संबंधी आदेश को बताया फर्जी पूर्व माध्यमिक विद्यालय वेदई में तैनात रही शिक्षिका का मामला

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Aug 2019 12:47 AM (IST) Updated:Fri, 23 Aug 2019 12:47 AM (IST)
फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी पाने वाली शिक्षिका बर्खास्त
फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी पाने वाली शिक्षिका बर्खास्त

संवाद सहयोगी, हाथरस : करीब सोलह साल पूर्व पीलीभीत से अंतरजनपदीय तबादले पर आई शिक्षिका की पोल अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने पर खुली थी। बीएसए ने प्रमाणपत्रों की जांच कराई तो नियुक्ति पत्र ही फर्जी निकला। अब बीएसए ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय वेदई की शिक्षिका की सेवा समाप्त कर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। यह था मामला :

आशारानी पुत्री रामजीलाल, मकान नंबर-636, सेक्टर-16, आवास विकास कालोनी, सिकंदरा (आगरा) को 30 जून 2000 को पीलीभीत जिले में सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति मिली थी। वर्ष 2002 में पीलीभीत से शिक्षिका अंतर जनपदीय तबादला कराकर हाथरस जिले में आई। यहां उसकी तैनाती पूर्व माध्यमिक विद्यालय वेदई में की गई। 18 फरवरी 2019 को शिक्षिका ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए प्रार्थना पत्र व शपथपत्र बीईओ सादाबाद को दिया था। बीएसए हरीशचंद्र ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी भी, लेकिन इसी बीच खंड शिक्षा अधिकारी को जानकारी मिली कि शिक्षिका के प्रमाण पत्र संदिग्ध हैं। इसपर उन्होंने अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश को रोककर शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र लिखा। 29 मार्च को बीएसए ने बीईओ सादाबाद की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षिका के सेवानिवृत्ति आदेश को निरस्त कर वेतन रोकने की कार्रवाई की। पीलीभीत से कराई पड़ताल

बीएसए हरीशचंद्र ने शिक्षिका के नियुक्ति पत्र व अन्य प्रमाणपत्रों की जांच के लिए पीलीभीत जिले के बीएसए को पत्र लिखा। बीएसए पीलीभीत ने जांच रिपोर्ट में बताया कि कथित अध्यापिका ने वर्ष 2000 में प्राथमिक विद्यालय नवादा खुशहाली में कार्यभार ग्रहण संबंधी आख्या खंड शिक्षा अधिकारी ललोरी से मांगी थी। आख्या में बीईओ ललोरी ने वर्ष 2000 से 2002 तक उपस्थिति पंजिका व पत्र व्यवहार रजिस्टर की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराईं जिसमें कहा गया है कि आशारानी पुत्री रामजीलाल नाम की कोई महिला कार्यरत नहीं है। फर्जी था बीएसए का नियुक्ति पत्र

कार्यालय जिला बेसिक अधिकारी पीलीभीत संबंधी बोर्ड के आधार पर दिनांक 15 जनवरी 2000 से 23 जून 2001 तक राजीव कुमार दिवाकर बीएसए थे, जबकि आशारानी का नियुक्ति पत्र उदयप्रताप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पीलीभीत द्वारा निर्गत किया जाना दर्शाया गया था। पीलीभीत बीएसए की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि नियुक्ति पत्र ही फर्जी था।

इनका कहना है

बीएसए पीलीभीत की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें शिक्षिका का नियुक्ति पत्र फर्जी निकला है। उसने नोटिस का भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर बीईओ सादाबाद को निर्देश दिए हैं कि फर्जीवाड़ा करने वाली शिक्षिका के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएं।

-हरीशचंद्र, बीएसए, हाथरस

chat bot
आपका साथी