सेवानिवृत्त शिक्षक जगा रहे शिक्षा की अलख

सरकार ने उत्कृष्ट शैक्षिक सेवाओं के लिए किया है सम्मानित

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 01:07 AM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 01:07 AM (IST)
सेवानिवृत्त शिक्षक जगा रहे शिक्षा की अलख
सेवानिवृत्त शिक्षक जगा रहे शिक्षा की अलख

संवाद सहयोगी, हाथरस : सेवा से निवृत्त होने के बाद जहां ज्यादातर लोग घर परिवार में रमकर आराम फरमाते हैं वहीं जिले के कई कई शिक्षक शिक्षा की अलख जगाकर बच्चों का भविष्य रोशन करने में जुटे हैं। शिक्षक दिवस पर ऐसे गुरुजनों को नमन करना जरूरी है, क्योंकि बिना गुरु के सन्मार्ग दिखाए कोई भी बेहतर भविष्य तय नहीं कर सकता। ऐसे गुरुजनों के सहयोग की तारीफ जहां विभागीय अधिकारी करते हैं, वहीं समाज में भी उनकी विशेष छवि सामने आती है। सुभाष शर्मा बांट रहे ज्ञान

सिकंदराराऊ कस्बे के रोशनगंज निवासी सुभाष शर्मा बेसिक शिक्षा विभाग की सेवा में वर्ष 1988 में आए। पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिकंदराराऊ में पूरी नौकरी करने के बाद मार्च 2017 में रिटायर हो गए। इस दौरान उन्हें अपने बेहतर कार्यों को लेकर करीब तीस से अधिक सम्मान मिले। वर्ष 2012 में राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया। रिटायर होने के बाद भी उन्होंने विद्यालय जाना बंद नहीं किया। अभी भी वे पूर्व माध्यमिक विद्यालय में जाकर बच्चों को विज्ञान व गणित विषय का ज्ञान देते हैं। उन्होंने इसी विद्यालय में कक्षा आठ तक की अपनी पढ़ाई भी पूरी की थी। नौकरी के बाद भी इस विद्यालय से उनका अलग ही लगाव है। विद्यालयों में संसाधन न होने पर वे खुद अपनी तरफ से मुहैया कराते हैं।

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बच्चों की पसंद बने रिटायर्ड प्रधानाचार्य

डीआरबी के प्रधानाचार्य पद से स्वतंत्र कुमार गुप्त 31 अगस्त 2017 को सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में एमएलडीवी पब्लिक इंटर कालेज हाथरस के डायरेक्टर व डीआरबी इंटर कालेज हाथरस के संरक्षक हैं। इन्हे शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर 2011 को उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र का सर्वाेच्च सम्मान 'राज्य अध्यापक पुरस्कार' से नवाजा था। श्री गुप्त ने एक सितम्बर 1970 से शिक्षक के रूप में सेवायें प्रारम्भ कीं व 47 वर्ष की शिक्षा जगत में उत्कृष्ट एवं अविस्मरणीय सेवाएं देने के बाद भी बच्चों को पढ़ाना बंद नहीं किया। डीआरबी व एमएलडीवी स्कूल में वे जब भी समय मिलता है, बच्चों को पढ़ाने के लिए पहुंच जाते हैं। विद्यालय में बच्चों से आज भी उन्हें काफी स्नेह है। इस वजह से बच्चे भी उनकी क्लास का इंतजार करते हैं।

----- उठा लिया रिटायर्ड

शिक्षकों का बेड़ा

बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में तैनात रहे बालकृष्ण तिवारी को वर्ष 1995 में बेहतर कार्यों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया था। वहीं सहपऊ निवासी हरस्वरूप शर्मा को बेहतर ज्ञान बच्चों को देने पर वर्ष 2006 में राष्ट्रपति पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था। शिक्षक पद पर रहते हुए अपने साथियों की पीड़ा को देखते हुए दोनों ही शिक्षकों ने रिटायर होने के बाद अपने परिवारों की ओर ध्यान तो दिया ही, साथ में रिटायर्ड शिक्षकों की समस्याओं को अपना बना लिया। पिछले कई साल से दोनों रिटायर्ड शिक्षक लगातार बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय पर साथियों की पेंशन आदि की समस्याओं को उठाते हैं। रिटायर्ड शिक्षकों के संगठन को दोनों चला रहे हैं।

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