पॉलीमर इंसुलेटर से नहीं होगी लाइन की ट्रिपिग

बारिश में पॉर्सिलिन के इंसुलेटर से अर्थिंग के कारण होती है ट्रिपिग इसके कारण कई घंटे तक गुल रहती है बिजली।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 12:13 AM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 12:13 AM (IST)
पॉलीमर इंसुलेटर से नहीं  होगी लाइन की ट्रिपिग
पॉलीमर इंसुलेटर से नहीं होगी लाइन की ट्रिपिग

जासं, हाथरस : बिजली विभाग अब लाइन की ट्रिपिग रोकने के लिए नया प्रयोग कर रहा है। पॉर्सिलिन के इंसुलेटर के स्थान पर पॉलीमर के इंसुलेटर लगाए जाएंगे। इससे लाइन अर्थ नहीं होने से ट्रिपिग की समस्या दूर होगी। इससे बारिश और कोहरे के समय होने वाला विद्युत संकट नहीं होगा।

अब तक की स्थिति : बिजली विभाग के पारेषण डिवीजन में हाईटेंशन लाइन खींचने के समय पॉर्सिलिन (चीनी मिट्टी) के इंसुलेटर इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि ये विद्युत के कुचालक हैं मगर बारिश और कोहरे के समय विद्युत आपूर्ति के लिए बाधा बन जाते हैं, क्योंकि जब कोहरे और बारिश के कारण पानी की बूंदे इस पर गिरती हैं तो वह सूख नहीं पाती हैं और लगातार गिरने से विद्युत लाइन से अर्थ कर जाती हैं।

आगे क्या : अब पारेषण विभाग पॉर्सिलिन के स्थान पॉलीमर के इंसुलेटर प्रयोग करेगा। पॉलीमर के इंसुलेटर पर बारिश और कोहरे से गिरने वाली बूंदों का असर नहीं पड़ता है। इसके कारण बिजली की लाइन तक पानी की बूंदे नहीं पहुंच पाती हैं। इसके कारण अर्थ की समस्या नहीं रहती है। इससे विद्युत आपूर्ति बारिश के समय भी निर्बाध बनी रहती है। कुछ स्थानों पर इसका प्रयोग किया गया है जो कि सफल रहा है।

बारिश से रहा संकट :

शनिवार और रविवार को बारिश के कारण लाइन ट्रिप होने से बिजली का संकट रहा। दो दिन बिजली आपूर्ति शहरी और देहात क्षेत्र में ठप रही। इसी समस्या को दूर करने के लिए पॉलीमर के इंसुलेटर लगाने पर जोर दिया जा रहा है। वर्जन -

पॉर्सिलिन की तुलना में पॉलीमर के इंसुलेटर बिजली आपूर्ति के नजरिए से बेहतर हैं। इनके प्रयोग से परिणाम बेहतर आए हैं। आने वाले समय में इसका प्रयोग और बढ़ जाएगा।

राजकुमार, अधिशासी अभियंता, पारेषण डिवीजन

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