जलेसर रोड पर फिर जाम-प्रदर्शन, पुलिस से नोकझोंक

गंदगी व नाला निर्माण को लेकर दो स्थानों पर लगा जाम नहीं निकलने दिया किसी भी वाहनों को गुस्से की गुबार नगर पालिका के ट्रैक्टरों को जलेसर रोड पर कूड़ा डालने से रोका ग्रामीणों की चेतावनी आश्वासन नहीं समस्या का स्थायी निदान चाहिए

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Jul 2019 07:08 AM (IST) Updated:Wed, 17 Jul 2019 06:24 AM (IST)
जलेसर रोड पर फिर जाम-प्रदर्शन, पुलिस से नोकझोंक
जलेसर रोड पर फिर जाम-प्रदर्शन, पुलिस से नोकझोंक

जासं, हाथरस : जलेसर रोड पर जलभराव और गंदगी को लेकर सोमवार को फिर से लोगों का आक्रोश भड़क गया। नगर पालिका कर्मचारियों को कूड़ा डालते देख एकत्रित हुए लोगों ने उन्हें न केवल रोक दिया बल्कि नारेबाजी करते हुए हाथरस -जलेसर मार्ग को जाम कर दिया। दो स्थानों पर लगे जाम के चलते वाहन चालकों से नोकझोंक भी हुई। चौकी इंचार्ज अकेले पहुंचे तो उन्हें भी फजीहत झेलनी पड़ी। स्थानीय लोग मार्ग को डंपिग ग्राउंड न बनने देने व नाले का निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग कर रहे थे। कई घंटे बाद एसडीएम व पालिकाध्यक्ष के आश्वासन पर आक्रोश शांत हो सका।

जलेसर रोड सीवेज फार्म की भूमि पर शहर का कूड़ा पालिका के ट्रैक्टरों से डलवाया जाता है। यह कूड़ा सड़क तक आ गया है, जिसके कारण गंदगी और बदबू का साम्राज्य है। यहां से राह निकलना मुश्किल हो रहा है। रविवार को यहां पर लोगों ने जाम लगाया था। सोमवार को फिर नगर पालिका के ट्रैक्टर कूड़ा डालने के लिए आंधीवाल बगीची के सामने आए तो लोगों में आक्रोश भड़क गया। लोगों ने यहां कूड़ा डालने से रोकने के साथ सड़क पर तख्त आदि डालकर, रस्सी बांधकर जाम लगा दिया। इस दौरान दुपहिया वाहन चालकों से प्रदर्शनकारियों की नोकझोंक हुई। उनका कहना था कि यहां पर सफाई चाहिए। दुर्गंध के कारण यहां रहना भी दूभर हो गया है। जाम की सूचना पर चौकी इंचार्ज रामपाल सिंह पहुंचे। उन्होंने जाम खुलवाने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। इसी बीच चंद दूरी पर दूसरी जगह भी जाम लगा दिया गया। यहां जाम लगा रहे लोगों का कहना है कि नाला निर्माण कार्य बंद है। बरसात का मौसम है। ऐसे में जलभराव तो होता ही है साथ ही हादसे का भी भय बना रहता है। बिना बरसात के भी यहां पर जलभराव की समस्या बनी हुई है। इस नाले का शीघ्र निर्माण कराया जाए। सूचना पर पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा व एसडीएम सदर नितीश कुमार मौके पर आए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर उन्हें आश्वस्त किया कि इन समस्याओं का शीघ्र ही हल करा दिया जाएगा। तब कहीं जाकर जाम खुला और आवागमन सुचारु हो सका। अकेले दारोगा ही जूझते रहे

जाम स्थल पर पहुंचे चौकी इंचार्ज को ही काफी देर तक मशक्कत करनी पड़ी। वह जाम खुलवाने के लिए इधर से उधर भागते रहे। लोगों को भी समझाया। इस बीच बार-बार कोतवाली पुलिस को भी इत्तला ती लेकिन मौके पर पुलिस फोर्स नहीं आया। अकेले दारोगा ही जूझते रहे। प्रदर्शनकारी यदि उग्र हो जाते तो मामला गंभीर हो सकता था। फोन पर भी नहीं आए ईओ

बार-बार ईओ को मौके पर बुलाने के लिए फोन घनघनाते रहे लेकिन मौके पर ईओ नहीं पहुंचे। इसके कारण भी लोगों में आक्रोश दिखा। बाद में पालिकाध्यक्ष ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला, लोगों से बातचीत की, तब कहीं जाकर जाम खुल सका।

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