सीकरी से हार जाएं सीमा तो छोड़ दूंगा राजनीति : सुमन

संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन में बोले सीमा के न लड़ने से दुखी हूं सियासी बोल रामवीर की मौजूदगी में बोले किसी ने उपाध्याय को बरगला दिया है बसपा सुप्रीमो से की सीमा को सीकरी से चुनाव लड़ाने की अपील

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Mar 2019 01:37 AM (IST) Updated:Thu, 14 Mar 2019 01:37 AM (IST)
सीकरी से हार जाएं सीमा तो  छोड़ दूंगा राजनीति : सुमन
सीकरी से हार जाएं सीमा तो छोड़ दूंगा राजनीति : सुमन

संवाद सहयोगी, हाथरस : पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय के फतेहपुर सीकरी से चुनाव न लड़ने पर हाथरस लोकसभा सीट से गठबंधन के प्रत्याशी रामजीलाल सुमन ने गहरा दुख जताया है। बुधवार को बसपा के बैनर तले आयोजित संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन में सुमन ने कहा कि पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को किसी ने बरगला दिया है, तभी उन्होंने पत्नी को फतेहपुर सीकरी से चुनाव न लड़ाने का फैसला किया है। सुमन ने रामवीर उपाध्याय की मौजूदगी में कहा कि अगर सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से हार जाएंगी तो वह राजनीति छोड़ देंगे।

सुमन ने कहा कि भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि वह सम्मेलन में आकर खुश नहीं हैं। सीमा उपाध्याय के फतेहपुर सीकरी से चुनाव न लड़ने से उन्हें झटका लगा है। वह फीरोजाबाद से कई बार सांसद रहे हैं। फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र से वह अच्छी तरह वाकिफ हैं। सीमा उपाध्याय वहां से चुनाव लड़तीं तो निश्चित ही उन्हें जीत हासिल होती। रामवीर मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं मगर पता नहीं क्यों उन्होंने यह निर्णय लिया है। सुमन ने बसपा सुप्रीमो मायावती से भी इस निर्णय पर पुनर्विचार की अपील की। भाषण के अंत में सुमन ने व्यंग्य कसते हुए रामवीर से कहा कि वह चिता न करें, बीजेपी को अलीगढ़ से खत्म करने में वह उनका पूरा साथ देंगे। मैं अकेला था, साथी मिल गया : रामवीर

हाथरस : मथुरा रोड पर स्थित गेस्ट हाउस में बसपा के नेतृत्व में आयोजित गठबंधन के कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने बसपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वह भले ही पांच बार विधायक रहे हों लेकिन लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के विजयी होने के कारण उन्होंने हमेशा अकेला महसूस किया। इसी कारण केंद्र की योजनाओं को वह हाथरस में प्रभावी रूप से क्रियान्वित नहीं करा सके। केंद्र सरकार की बेरुखी और अप्रभावी सांसदों के कारण ही हाथरस से उद्योगों का पलायन हुआ। सुमन के आने से अब एक और एक मिलकर ग्यारह हो गए हैं। वह अब तक अकेले थे, अब उन्हें साथी मिल गया है।

रामवीर उपाध्याय ने कहा कि समर्थकों के बल पर ही वह विषम परिस्थितियों में सिकंदराराऊ से विधायक बन सके। बीते चुनाव में भाजपा की लहर में समर्थकों ने ही उन्हें सादाबाद से विजयी बनाने में भूमिका निभाई। अब सुमन की जीत ही उनकी जीत है।

इससे पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विनोद उपाध्याय, जिला पंचायत सदस्य रामेश्वर उपाध्याय, वीरेंद्र कुशवाह आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। बसपा जिलाध्यक्ष रमेश बाबू कुशवाह, बनी सिंह बघेल, बांकेलाल दीक्षित, नगर अध्यक्ष विनोद प्रेमी, श्याम सुंदर शर्मा बंटी, महेंद्र सिंह सोलंकी, रामनारायण काके, चौधरी भाजुद्दीन आदि भी मौजूद रहे।

रामवीर का गजब का है मंच मैनेजमेंट, बोले 432 नाम

सम्मेलन के दौरान बसपा का मंच मैनेजमेंट बेहतर नजर आया। भाजपा के बूथ मैनेजमेंट का जवाब देने के लिए बसपा ने मंच मैनेजमेंट से अपनी नैया पार लगाने की कोशिश शुरू कर दी है। पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने सम्मेलन में मौजूद लोगों में से करीब 150 लोगों को आवाज लगाकर मंच पर बुलाया। मंच पर उन्हें बैठाने के लिए पीछे तक कुर्सियां लगाई गईं। यही नहीं अपने संबोधन की शुरुआत में रामवीर उपाध्याय ने सम्मेलन में मौजूद 432 लोगों के नाम पढ़े। इसके बाद जब वह थक गए तो बाकी से माफी मांगी। सम्मेलन की खास बात यह रही कि इस दौरान रामवीर के सभी पुराने साथी नजर आए। उन्हें बसपा नेता ने पूरा सम्मान दिया। सम्मेलन में पहुंचने के बाद मंच पर चढ़ने से पहले रामवीर ने मौजूद लोगों के बीच जाकर हाथ मिलाकर मुलाकात की, बुजुर्गों के पैर भी छुए।

'सबके सब कलाकार

हैं, पूरा घर चालू है'

हाथरस : सम्मेलन में रामेश्वर उपाध्याय ने उन लोगों को धन्यवाद दिया जो आलू की खोदाई छोड़कर सम्मेलन में पहुंचे थे। रामेश्वर ने कहा कि उनके मकान का काम चल रहा है, आलू खोदाई के कारण लेबर काम पर नहीं आ रही। रामजीलाल सुमन ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने रामेश्वर के भाषण पर चुटकी ली। कहा, 'कितने मकान बनवा लिए हैं, स्कूल भी चल रहे हैं। अब तो कृपा करो भाई.।' सुमन यहीं नहीं रुके, बोले- 'अगर मुरसान से 40 हजार वोट ज्यादा नहीं दिलवाए तो मैं रामेश्वर का स्कूल बंद करा दूंगा।' सुमन ने रामेश्वर ही नहीं पूरे उपाध्याय परिवार पर भी व्यंग्य किया। कहा, 'यहां तो सबके सब कलाकार हैं..किस-किस से बचोगे, एक से बचोगे तो दूसरा है, दूसरे से बचोगे तो तीसरा है..पूरा घर चालू है, मुझे लगता था कि भाई के नाम की दुकान चल रही है, पर ऐसा नहीं है, सारे भाई काबिल हैं, अच्छा भाषण देते हैं।' सुमन के इतना कहते ही पूरा पंडाल ठहाकों से गूंज उठा।

मिलकर खत्म करेंगे अलीगढ़ से भाजपा की बीमारी

हाथरस : सम्मेलन में अपने भाषण में रामजीलाल सुमन ने रामवीर उपाध्याय की जमकर तारीफ की। रामवीर ने भी अपने भाषण में सुमन को बहादुर नेता बताया। हालांकि सुमन का भाषण कई मायनों में अलग था और लोगों ने अपने हिसाब से भाषण के अलग-अलग मायने निकाले। सुमन ने भाषण के अंत में जब कहा कि वह और रामवीर उपाध्याय अलीगढ़ से भाजपा नाम की बीमारी को खत्म कर देंगे तो लोग कुछ समझ नहीं पाए। उन्हें लगा कि सुमन की जुबान फिसल गई है और वह हाथरस की जगह अलीगढ़ का नाम ले गए हैं। कुछ लोगों ने इसे रामवीर उपाध्याय के सीमा उपाध्याय को अलीगढ़ से चुनाव लड़ाने की चर्चाओं से जोड़कर देखा। कुछ लोगों की राय एकदम अलग थी, सम्मेलन में ही इन लोगों ने यह दावा कर दिया कि रामवीर उपाध्याय शाम तक बीजेपी में शामिल हो जाएंगे और अलीगढ़ से उनकी टिकट पक्की है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के हाथरस होकर अलीगढ़ जाने की बात पर उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह ने जोर पकड़ लिया। हालांकि देर रात तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।

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