Hathras Case: राहुल-प्रियंका ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात, कहा-बेटी का चेहरा तक नहीं देखने दिया

Hathras Case कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान प्रियंका ने पीड़िता की मां को गले लगा कर ढांढस बढ़ाया और कहा कि इस संकट की घड़ी में कांग्रेस आपके साथ है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 03 Oct 2020 06:06 PM (IST) Updated:Sun, 04 Oct 2020 12:27 AM (IST)
Hathras Case: राहुल-प्रियंका ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात, कहा-बेटी का चेहरा तक नहीं देखने दिया
उत्तर प्रदेश के हाथरस केस को लेकर पूरे देश में गुस्सा है।

हाथरस, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के हाथरस केस को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। राज्य सरकार ने प्रकरण में लापरवाह एसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित और फिर सीबीआई जांच की सिफारिश कर मृत युवती के पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की है, लेकिन राजनीति अब भी गर्म है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान प्रियंका ने मृतका की भाभी व बहन को गले लगा कर ढांढस बढ़ाया और कहा कि इस संकट की घड़ी में कांग्रेस आपके साथ है। पीड़ित परिवार से संवेदना व्यक्त करने के बाद राहुल ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में पीड़ित परिवार की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। पूरी घटना में परिवार की कोई गलती नहीं है। प्रियंका ने कहा कि जहां-जहां अन्याय होगा हम डटे रहेंगे और उसके खिलाफ लड़ेंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा का पांच सदस्यीय दल शनिवार की शाम सात बजकर 28 मिनट पर हाथरस के गांव बूलगढ़ी में मृतका के स्वजन से मिलने पहुंचा। जिला प्रशासन ने सुबह आए डीजीपी और अपर मुख्य सचिव की तरह चटाई पर बैठकर वार्ता करने का इंतजाम किया था, लेकिन राहुल गांधी मृतका के पिता और भाइयों को कमरे में ले गए और कमरे को बंद कर लिया। मीडिया कर्मियों को बाहर कर दिया गया। दोनों नेताओं ने पीड़ित परिवार से करीब एक घंटे तक बातचीत की।

राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने गांव बूलगढ़ी में पीड़ित परिवार से 52 मिनट तक बातचीत की। इसके बाद उन्होंने बाहर आकर पत्रकारों से कहा कि बंद कमरे में हुई इस बातचीत के दौरान परिवार ने न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि मृत युवती के स्वजनों की यह मांग उचित है। उन्होंने कहा कि गलत व्यवहार करने के बाद भी डीएम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। राजस्थान में हुई इस तरह की वारदात और वहां न जाने के सवाल को वह काफी देर तक टालते रहे। बाद में कहा कि कांग्रेस सदैव दलितों के साथ रही है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि इस परिवार को बेटी का चेहरा तक नहीं देखने दिया। इससे अधिक अन्याय क्या होगा। वे कांग्रेस के प्रदेश सहप्रभारी धीरज गुर्जर, राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपालन के साथ शाम 7:28 बजे पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। उनके आते राहुल ने मृतका के पिता को धीरज बंधाया और प्रियंका ने मृतका की भाभी व बहन को गले लगाया। फिर पूरे परिवार को एक कमरे में ले गए और बातचीत की।

पांच कांग्रेस नेताओं को हाथरस जाने की मिली इजाजत : इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा दोबारा हाथरस जाने की कोशिश करने के लिए दिल्ली से निकले थे। राहुल और प्रियंका के अलावा अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने डीएनडी पर रोक लिया गया। इस दौरान वहां जबरदस्त हंगामा होता है। पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। इस बीच पुलिस और प्रशासन ने सिर्फ पांच काग्रेस नेताओं को राहुल गांधी, प्रियंका वड्रा, रणदीप सुरजेवाला, गुलाम नबी आजाद और केसी वेणुगोपाल हाथरस जाने की इजाजत दी गई। इसे देखते हुए यूपी बोर्डर से लेकर हाथरस तक उत्तर प्रदेश पुलिस सतर्क रही।

पीड़ित परिवार से मिले अपर मुख्य सचिव और डीजीपी : उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शनिवार को हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद मृत युवती के परिवार के लोगों से मुलाकात की। दोनों शीर्ष अधिकारियों ने न्याय का पूरा भरोसा दिया है। पीड़ित परिवार से मिलने के बाद दोनों अधिकारियों ने बताया कि हमने परिवार के साथ वार्ता में उनकी हर शिकायत का संज्ञान लिया है। हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। इस केस से संबंधित उनकी हर शिकायत का निस्तारण होगा।

यह है पूरा मामला : बता दें कि हाथरस के चंदपा क्षेत्र में 14 सितंबर को 19 वर्षीय अनुसूचित जाति की युवती पर उस समय जानलेवा हमला हुआ था, जब वह मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी। मां की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही चार आरोपितों के खिलाफ जानलेवा हमला और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। बाद में बयान के अधार दुष्कर्म की भी धारा जोड़ी गई। हालांकि पुलिस का दावा है कि फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस चारों आरोपितों को जेल भेज चुकी है। हमले में लड़की की गर्दन में चोट आई थी। सांस लेने में परेशानी थी। इस कारण पहले स्थानीय अस्पताल फिर अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। वहां उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन पीड़िता 16 दिन बाद 29 सितंबर को जिंदगी से जंग हार गई। उसी दिन देर रात उसका शव हाथरस पहुंचा, जहां पुलिस की निगरानी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। युवती की मौत से लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है।

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