दहेज उत्पीड़न में सजा और जुर्माना

हाथरस : सात साल पुराने दहेज उत्पीड़न के मामले में सिविल जज ने चार आरोपियों को एक साल कैद की सजा सुनाई

By Edited By: Publish:Fri, 29 Jul 2016 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jul 2016 01:01 AM (IST)
दहेज उत्पीड़न में सजा और जुर्माना

हाथरस : सात साल पुराने दहेज उत्पीड़न के मामले में सिविल जज ने चार आरोपियों को एक साल कैद की सजा सुनाई है। ससुराली एक बाइक व पचास हजार रुपयों के लिए विवाहिता को मारपीट कर उसके मायके में छोड़ गए थे।

नहरपुर सिकंदराराऊ निवासी गिरेंद्र ¨सह ने अपनी बेटी ¨पकी की शादी वाचाराम पुत्र लटूरी ¨सह गांव तिपेड़ा थाना रजपुर बदायूं से जुलाई 2005 में की थी। गिरेंद्र ¨सह का आरोप है कि शादी के छह महीने बाद से ही ससुरालियों ने दहेज मांगना शुरू कर दिया था। वे दहेज में एक बाइक व पचास हजार रुपये नगद मांग रहे थे। दहेज न मिलने पर ¨पकी को शारीरिक व मानसिक प्रताड़नाएं दी जा रहीं थीं। उनका आरोप था कि 27 जनवरी 2009 को ससुराली उनकी बेटी को मारपीट कर गांव के बाहर छोड़कर चले गए थे। दूसरे दिन गिरेंद्र ¨सह ने पति वाचाराम, ससुर लटूरी ¨सह, जेठ देवा उर्फ देवी ¨सह, सास सुधा, मौसेरे देवर मोनू, ममिया ससुर केशव देव व बनी ¨सह के खिलाफ आइपीसी की धारा 498ए, 323 व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने पति, जेठ, ससुर व ममिया ससुर केशव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मामला न्यायालय में विचाराधीन था। सिविल जज/एफटीसी नरेश कुमार दिवाकर की कोर्ट में 27 जुलाई को मामले में अंतिम सुनवाई हुई। कोर्ट ने चारों आरोपियों पर दोषसिद्ध करते हुए सजा सुनाई। धारा 498ए में वाचाराम, देवी ¨सह, लटूरी व केशव को एक-एक साल की कैद व पांच-पांच सौ रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। धारा 323 में एक-एक साल कैद की सजा सुनाई गई है। धारा-चार दहेज प्रतिषेध अधिनियम में छह-छह माह के कारावास व पांच-पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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