सीडीपीओ का रास नहीं डीपीओ दफ्तर

By Edited By: Publish:Sat, 23 Aug 2014 03:02 AM (IST) Updated:Sat, 23 Aug 2014 03:02 AM (IST)
सीडीपीओ का रास नहीं डीपीओ दफ्तर

जागरण संवाददाता, हाथरस : आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से पोषाहार के बदले अवैध वसूली व अन्य तरह से प्रताड़ित करने के मामले में चार्ज गंवाने वाली मुरसान ब्लाक की पूर्व सीडीपीओ को डीपीओ का दफ्तर रास नहीं आ रहा। लिहाजा, दोबारा चार्ज पाने के लिए सक्रिय हो गई हैं। विवादों में रहीं सीडीपीओ को अधिकारी अब चार्ज देने के मूड में नहीं हैं। मुख्य विकास अधिकारी सीडीपीओ के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई कराने की तैयारी में है।

हमेशा विवादों में : मुरसान ब्लाक की सीडीपीओ मुन्नी देवी के खिलाफ समय-समय पर अपने दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने व पद के दुरुपयोग की शिकायतें मिलती रहीं। डीपीओ कुसुमलता राघव और उनके बीच मतभेद भी चर्चा में रहे हैं। शिकायतें मिलने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई। इसकी वजह उनके पति की सत्ताधारी दल के नेताओं से नजदीकियों को माना जाता रहा। उनके खिलाफ फर्जी लेटरपैड से डीपीओ की शिकायत का मामला भी सामने आया।

हैवी शिकायत : करीब तीन माह पहले जिला पंचायत सदस्य सुमन वर्मा के नेतृत्व में अनेक कार्यकत्रियों ने डीएम व अन्य अफसरों से सीडीपीओ मुन्नी देवी की शिकायत की। आरोप था कि वह पोषाहार उठाने व अन्य कार्यो की एवज में अवैध उगाही करती हैं। जो कार्यकत्री पैसा नहीं देती, उसे प्रताड़ित करती हैं। जिला पंचायत सदस्य ने जिला पंचायत की बैठक के दौरान भी प्रभारी मंत्री से तमाम शिकायतों के बाद सीडीपीओ के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप अफसरों पर लगाया।

आरोपों की पुष्टि : प्रभारी मंत्री के निर्देश पर डीएम ने डीडीओ को मामले की जांच सौंपी। जांच में आरोप सही साबित हुए। करीब दो माह पहले सीडीपीओ को मुरसान से हटाकर जिला कार्यालय से अटैच कर दिया गया। तभी से सीडीपीओ चार्ज वापस पाने के लिए भागदौड़ में जुटी हैं। उनके पति को विकास भवन और कलक्ट्रेट की परिक्रमा करते देखा जा सकता है। अधिकारियों पर नेताओं से दबाव भी डलवाया जा रहा है, मगर सीडीओ आरोप गंभीर होने और शिकायतें अधिक होने के कारण उन्हें चार्ज देने को कतई तैयार नहीं हैं।

शासन को देंगे रिपोर्ट : मुख्य विकास अधिकारी जावेद अख्तर जैदी ने बताया कि सीडीपीओ के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलती रही हैं। डीडीओ की जांच के बाद उन्हें कार्यालय से अटैच किया गया। मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है, ताकि अन्य ंिवभागीय कार्रवाई शुरू की जा सके।

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पोषाहार के बदले वसूली

क्रासर-

-हाथरस की कार्यकत्रियों ने सुपरवाइजर पर लगाया था आरोप

-पोषाहार में 500 व रोस्टर निरीक्षण में 400 तक की वसूली

जागरण संवाददाता, हाथरस :

तमाम दावों के बावजूद सीडीपीओ व सुपरवाइजरों के खिलाफ अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। शिकायत करने वाले कार्यकत्रियों को धमकाया जा रहा है। पूर्व में डीएम से मिलकर सुपरवाइजर पर पोषाहार, प्रसव अवकाश, रोस्टर निरीक्षण की आड़ में अलग-अलग अवैध वसूली का आरोप लगा चुकी कार्यकत्रियों को सुपरवाइजर द्वारा धमकाने का मामला संज्ञान में आया है। आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने इस मामलें में कार्रवाई न होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी के घेराव की चेतावनी दी है।

बता दें कि पिछले माह उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में हाथरस की सुमनलता, पूनम, सुजाना रावत, स्नेहलता, पार्वती, कविता देवी, सुनीता दिवाकर, सुनीता, सुनीता देवी, रेनू अरोड़ा, ललता देशमुख, चन्द्रवती व सुमन ने डीएम को शिकायती पत्र सौंपा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सुपरवाइजर चौथ वसूली कर उन्हें परेशान कर रही हैं। कार्यकत्रियों से पोषाहार के बदले 500 रुपये लेती हैं। प्रसव अवकाश के बदले 1000-1500 रुपये देने अन्यथा मानदेय काटने की धमकी देती हैं। रोस्टरों का निरीक्षण करने पर 300-400 रुपये न देने पर उल्टा-सीधा लिख देती हैं। घर पर केन्द्र का संचालन करने वाली कार्यकत्रियों से भी अवैध वसूली होती है। आरोप है कि वह कार्यकत्रियों को आए दिन परेशान करती हैं और उल्टा-सीधा आरोप लगाती हैं। संघ ने दूसरे विभाग से मामले की जांच की मांग उठाई थी, मगर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।

शुक्रवार को संघ की गांधी पार्क के पास बैठक हुई। इसमें कमीशनखोरी के खिलाफ चर्चा की गई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सुपरवाइजर कार्यकत्रियों को धमका कर दूसरी प्रतिलिपि तैयार करा रही हैं। पदाधिकारियों को दोषी बनाने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। इसके लिए पहले प्रदेश अध्यक्ष को बुलाकर समस्त कार्यकत्रियों की बैठक कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से संचालित केन्द्र से अवैध वसूली न की जाए। यदि उगाही बंद नहीं होई तो संघ धरना-प्रदर्शन व डीपीओ का घेराव करेगा।

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