युवाओं के लिए अनुशासन बेहद जरूरी

कारगिल युद्ध में पराक्रम दिखा चुके कर्नल आदित्य प्रताप सिंह (रिटायर्ड) ने दिए टिप्स।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Jul 2020 10:21 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jul 2020 06:07 AM (IST)
युवाओं के लिए अनुशासन बेहद जरूरी
युवाओं के लिए अनुशासन बेहद जरूरी

हरदोई: कारगिल युद्ध में पराक्रम दिखा चुके कर्नल आदित्य प्रताप सिंह (रिटायर्ड) युवाओं से अनुशासित और संयमित रहने का आवाहन करते हैं। उनका कहना है, कि हमारे समाज के युवाओं में ज्ञान और जागरूकता की कमी नहीं है। इसके साथ ही उनके अनुशासित रहना भी बेहद जरूरी है। जो हालात पैदा हो रहे हैं, उसके लिए युवाओं से संयम बरतने और अनुशासन में रहने की ज्यादा आवश्यकता है। कारगिल युद्ध में अपना पराक्रम दिखा चुके कर्नल आदित्य सिंह रविवार को कारगिल विजय दिवस पर जिला सैनिक एवं पुर्नवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।

संडीला के ग्राम लोहरी निवासी कर्नल आदित्य प्रताप सिंह का कहना है कि उनके लिए गर्व की बात है कि उन्होंने कारगिल जैसी लड़ाई लड़ी और देश वासियों के साथ कारगिल विजय दिवस मना रहे हैं। कारगिल युद्ध की यादों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उस दौरान उनकी तैनाती राजोरी प्वाइंट पर थी। उनकी रेजीमेंट को आर्डर मिला कि उन्हें कारगिल युद्ध के लिए जाना है। पहले उन्हें रिजर्व की जिम्मेदारी दी गई फिर तीसरे दिन ही आगे भेज दिया गया। बताते हैं कि जब आर्डर मिला था, उस समय वह खाना खा रहे थे। सैनिकों को बताया तो कोई भी जरा सा भी नहीं घबराया और बिना कुछ सोचे 14 हजार फिट की ऊंचाई पर दुश्मनों से मोर्चा लेने को आगे बढ़ने लगे। कई दिनों तक वह सभी कभी कुछ खाकर तो कभी भूखे लड़ते रहे। दुश्मन ऊंचाई से गोलियां बरसा रहे थे, लेकिन सैनिक उन्हें मुंहतोड़ जवाब देते। कई शहीद भी हुए पर आखिरकार जीत उनकी ही हुई। वीर सपूतों की खातिर ही आज हम सभी कारगिल विजय दिवस मना रहे हैं। आंख के नीचे लगी थी गोली

कर्नल आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि मई से अगस्त तक वह कारगिल में रहे कारगिल विजय के बाद सितंबर-अक्टूबर में उनको मिलाकर एक कमांडों की फौज पीर पंजाल के पास ऑपरेशन को भेज दी गई। यहां पर जंग के दौरान उनकी दाईं आंख के नीचे गोली लग गई। जिसके बाद उनकी एक आंख की रोशनी चली गई, लेकिन इस बात का फक्र है कि यहां पर भी जीत उनकी टीम की ही हुई।

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