Hardoi: दो बीघा जमीन बनी चाचा की मौत का कारण, पुलिस ने भी नहीं दिखाई मानवता; इलाज कराने के बजाए ले गई कोतवाली
हरदोई में दो बीघा जमीन के विवाद में चाचा की भतीजों ने हत्या कर दी। हादसे में दो बेटों को भी गंभीर चोटें आईं हैं। उनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हरदोई, जागरण संवाददाता। हानी थाना क्षेत्र में घर के अंदर घुसकर सोमवार अलसुबह भतीजों ने किसान चाचा पर हमला कर दिया। मारपीट में किसान की मौत हो गई और दो पुत्र घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
ग्राम सरसवा मजरा वाजिद नगर निवासी नरेश चंद्र अपने परिवार के साथ घर में सो रहा था। अचानक परिवार के ही ताऊ के पुत्र अपने नौ साथियों के साथ घर में घुस आए और हमला कर दिया, जिसमें नरेश को मरणासन्न कर दिया। यह देखकर उनके पुत्र संदीप व नरवीर बचाने पहुंचे इस पर हमलावरों ने दोनों पर हमला कर दिया। इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
इस कारण दिया वारदात को अंजाम : दरअसल, हत्यारोपित दो बीघा पट्टे की भूमि पर कब्जा करना चाहते थे, जिसको लेकर विवाद चल रहा था। हत्यारोपितों ने भूमि पर अपना मकान भी बना रखा है और अब पूरी भूमि लेना चाहते थे, जिसका चाचा नरेश चंद्र विरोध कर रहे थे।
सरसवा के नरेश चंद्र के तीन पुत्र नरवीर, संदीप और अमित कुमार दिल्ली में काम करते हैं। घर पर नरेश और उनकी पत्नी फूलकली रहते थे। कुछ दिन पूर्व तीनों पुत्र गांव आए थे और घटना के समय घर पर ही थे। चचेरे भाई जगदीश ने बताया कि वर्ष 1988 में नरेश चंद्र को दो बीघा भूमि पट्टा हुई थी, लेकिन कभी नरेश के बड़े भाई रामचंद्र ने उस भूमि पर अपना हक नहीं जताया।
रामचंद्र की मौत के बाद उनके बेटे अवधेश, रामप्रताप और रामनिवास पट्टे की भूमि पर कब्जा करना चाहते थे और आए दिन उसी भूमि को लेकर विवाद किया करते थे। सोमवार की अलसुबह आरोपितों ने पूरे घर को घेर लिया और घटना को अंजाम दिया।
एक किलोमीटर की दूरी तय करने में पुलिस को लगा एक घंटा : ग्रामीणों ने बताया कि गांव से कोतवाली एक किलोमीटर की दूरी पर है। घटना की पुलिस को जानकारी दी गई, उसके एक घंटे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन गंभीर रूप से घायल नरेश को सीएचसी न ले जाकर कोतवाली ले जाया गया, जहां पर पुलिस ने घटना की जानकारी ली और उसके बाद सीएचसी में उपचार कराया। इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल भेजा। जहां पर नरेश को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।