सेशन एक पैसे का है, मैंने चवन्नी खा ली..

सेशन एक पैसे का है मैने नता जा रहा है। यहां करोड़ों का सट्टा लगना शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Mar 2019 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2019 11:52 PM (IST)
सेशन एक पैसे का है, मैंने चवन्नी खा ली..
सेशन एक पैसे का है, मैंने चवन्नी खा ली..

हरदोई : सेशन एक पैसे का है, मैंने चवन्नी खा ली है। आज का फेवरिट कौन है, लाइन को लंबी पारी चाहिए आदि कहने को यह सिर्फ चंद ऊटपटांग शब्द हैं, लेकिन इनके बोलने में लाखों का लेनदेन हो रहा है। आइपीएल शुरू होते ही सट्टे का बाजार गर्म हो गया है। मैदान में क्रिकेटर चौका छक्का लगाते हैं तो सट्टेबाज घरों से लेकर बाजारों तक शाट लगा रहे हैं। रविवार से आइपीएल शुरू होते ही जिले में सट्टे का कारोबार युवाओं को सिर चढ़कर बोलने लगा है। रेलवेगंज व मोमिनाबाद ही नहीं कई मुहल्लों में सट्टे की जड़ें मजबूती से फैलती जा रही हैं।

सट्टे के खेल में इस बार स्नातक स्तर के छात्रों को ज्यादा शामिल किया जा रहा है। इस खेल की भाषा अजीबोगरीब है। सट्टा लगाने वाले व्यक्ति को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट के माध्यम से हर ओवर हर गेंद पर कारोबार करता है। एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। आइपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक का भाव चढ़ते उतरते हैं। एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है। यदि किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को 'मैंने चवन्नी खा ली' कहना होता है। खास बात यह है कि यह पूरा नेटवर्क आधुनिक संचार प्रणाली लैपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकार्डर आदि पर ही चल रहा है। सावधानी इतनी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर यूज हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता। अब देखने वाली बात यह कि हरदोई पुलिस डेढ़ माह के इस आइपीएल में कितने लोगों पर कार्रवाई करती है।

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