सभी बच्चे विद्यालय में फिर भी विशेष शिविर में 2215 बच्चे

बेसिक शिक्षा विभाग जिले के सभी बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिला कर प्राथमिक शिक्षा प्रदान कर रहा है। विभाग का दावा है कि अब ऐसा कोई बच्चा नहीं बचा है। जिसका विद्यालय में नामांकन न कराया गया हो । वहीं श्रम विभाग की ओर से इसके बावजूद 2215 बच्चों के लिए विशेष विद्यालय संचालित किए जा रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 11:03 PM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 06:24 AM (IST)
सभी बच्चे विद्यालय में फिर भी विशेष शिविर में 2215 बच्चे
सभी बच्चे विद्यालय में फिर भी विशेष शिविर में 2215 बच्चे

हरदोई : बेसिक शिक्षा विभाग जिले के सभी बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिला कर प्राथमिक शिक्षा प्रदान कर रहा है। विभाग का दावा है कि अब ऐसा कोई बच्चा नहीं बचा है, जिसका विद्यालय में नामांकन न कराया गया हो। वहीं श्रम विभाग की ओर से इसके बावजूद 2215 बच्चों के लिए विशेष विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। जिन पर भारी बजट व्यय हो रहा है। इन बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत उपलब्ध संसाधन भी मांगे जा रहे है। विभागीय आंकड़ों में यह विद्यालय विधिवत संचालित हो रहे हैं। जो कागजी आंकड़ों की हकीकत बयां कर रहे हैं।

जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक/शिक्षामित्रों से हाउस होल्ड सर्वे कराया जाता है। इसके तहत पूरे जिले का सर्वे कराया जाता है। विद्यालय न जाने वाले छह से 14 साल तक के बच्चों को चिन्हित किया जाता है। विभाग की ओर से इस बार कराए गए सर्वे में जिले में छह से 14 वर्ष के 794778 बच्चे चिन्हित किए गए। इनमें 419111 बालक और 375687 बालिकाएं शामिल थीं। विभागीय आंकड़ों की मानें तो इनमें से 205 बच्चे ऐसे थे जो विद्यालय नहीं जाते थे। इनमें 56 घरेलू नौकर के रूप में काम करते हैं, सात ईट भट्टा पर बच्चों की देखभाल करती हैं, 11 गैराज में काम करते हैं, 43 कृषि कार्य में लगे हैं, 15 पुस्तैनी कार्य कर रहे हैं, एक विद्यालय दूर होने के कारण स्कूल नहीं जा रहा था, 31 बालिकाएं भाई बहनों की देखभाल करने के कारण, पांच घुमंतू परिवार और सात गरीबी के कारण स्कूल नहीं जाते थे। विभाग का दावा है कि ऐसे सभी चिन्हित बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिला दिया गया है। अब कोई भी बच्चा ऐसा नहीं है जो विद्यालय नहीं जाता। वहीं श्रम विभाग की ओर से बाल श्रमिकों के लिए चल रही राष्ट्रीय बाल श्रम योजना के तहत जिले में 56 विद्यालय संचालित हैं। जिसमें 2215 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और उनके शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन व अन्य मद में भारी भरकम धनराशि व्यय की जा रही है। साथ इन बच्चों के लिए ड्रेस, किताबें और मिड डे मील के लिए कन्वर्जन कास्ट और खाद्यान्न की मांग भी की गई है।

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