न होती थी रंजिश और न ही होते थे झगड़े

सेवानिवृत्त अध्यापक रामप्रसाद ने 1952 में दिया था पहला वोट

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 10:23 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 10:23 PM (IST)
न होती थी रंजिश और न ही होते थे झगड़े
न होती थी रंजिश और न ही होते थे झगड़े

कछौना(हरदोई): न कोई राजनीतिक रंजिश होती थी और न ही कोई झगड़ा फसाद होता था। कोई पैदल तो कोई बैलगाड़ी पर चुनाव प्रचार करता था। चुनाव ड्यूटी में इस समय की तरह आधुनिक तरीके और संसाधन नहीं थे, लेकिन सब कुछ व्यवस्थित तरीके से होता था। क्षेत्र के सुठेना निवासी सेवानिवृत्त अध्यापक राम प्रसाद पुरानी यादें ताजा करते हुए बताते हैं।

1952 के चुनाव में उन्होंने पहला वोट डाला था। 1954 में उनकी नौकरी लग गई थी। वह बताते हैं कि उन दिनों प्रत्याशी पैदल व बैलगाड़ी से प्रचार करते थे। साइकिल भी किसी के पास नहीं थी। कछौना में बैठक होती थी खास लोग बुला कर भाषण देते थे। कभी भी कोई झगड़ा फसाद नहीं होता था। लाउडस्पीकर बैलगाड़ी पर बांधकर प्रचार करते थे। 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में उनकी पहली बार चुनाव ड्यूटी लगी थी। हर प्रत्याशी का अलग बॉक्स रहता था और मत पत्र पर नाम व निशान होता था उस समय निरक्षर अधिक थे प्रत्याशी का नाम पूछ कर पर्ची पर मोहर लगाकर बक्से में डलवाया जाता था । बक्से पैदल ही कछौना के स्कूल में पहुंचाए जाते थे। वहां से हरदोई जाते थे। सब लिखा पढ़ी हांथ से होती थी कर्मचारी का मत लिफाफे में बंद करके जाता था। वह बताते हैं कि अब तो सब कुछ बदल गया है और इस चुनाव में तो और भी सब कुछ बदला बदला नजर आ रहा है।

छोटी-छोटी बातों पर रखें पैनी नजर-हरपालपुर: विधान सभा चुनाव को शांति पूर्वक संपन्न कराने पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। एसपी राजेश द्विवेदी ने खास आदेश दिया है कि हर छोटी छोटी बात पर पैनी नजर रखी जाए। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा का एहसास दिलाने के लिए अधिकारी गांव गांव भ्रमण कर रहे हैं। एसडीएम सवायजपुर स्वाती शुक्ला ने सीओ हरपालपुर परशुराम सिंह और बीएसएफ 15 वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट सुबोध कुमार के साथ क्षेत्र के कई गांवों में पहुंच कर पैदल मार्च किया।

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