आश्रम में हत्याकांड के बाद ससुराल आया था रक्षपाल

हरदोई आश्रम में बाबा हीरादास और उनकी शिष्या व पुत्र की हत्या पूरी योजना बनाकर की गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Sep 2020 10:56 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2020 10:56 PM (IST)
आश्रम में हत्याकांड के बाद ससुराल आया था रक्षपाल
आश्रम में हत्याकांड के बाद ससुराल आया था रक्षपाल

हरदोई: आश्रम में बाबा हीरादास और उनकी शिष्या व पुत्र की हत्या पूरी योजना बनाकर की गई थी। पुलिस हिरासत में रक्षपाल और उसके साले संजय ने बताया कि उन्होंने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर हत्या की थी। हत्या की योजना पहले ही बना चुके थे, रक्षपाल शाम को हरदोई में अपने साथी से मिला और फिर संजय के साथ तीनों आश्रम में गए। क्योंकि रक्षपाल और उसका साला ही नहीं, तीसरा साथी भी बाबा के पास कई बार झाड़फूंक के लिए गया था। सभी उन्हें जानते थे। रक्षपाल और संजय ने बाबा के पैर छुए और वही बैठ गए। हीरादास और नेकराम बाहर ही लेटे थे, वह लोग जब पहुंचे तो मीरादास कमरे में चली गई थीं। उन लोगों ने पहले नेकराम को चिलम पीने के लिए बुलाया और फिर कमरे की तरफ घसीट लिया। बाबा को भी चिलम के बहाने बुलाकर गर्दन पकड़कर कमरे में घसीट ले गए और वहीं पर तीनों की ईंट से कूचकर हत्या कर दी। हीरादास के पेट में चाकू भी मारा था। पुलिस के अनुसार हत्या के बाद रक्षपाल अपनी ससुराल आया, कुछ देर रहने के बाद लौट गया और फिर सुबह आश्रम की तरफ जाकर सभी को बताने का नाटक किया। जेल में ही रक्षपाल की हुई थी दोस्ती: रक्षपाल, मझिला थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर है। पिहानी कोतवाली क्षेत्र में करीब एक वर्ष पूर्व पुलिस मुठभेड़ के बाद जेल भेजा गया था। पुलिस ने बताया कि जेल में ही उसकी राजीव और एक अन्य शातिर से मुलाकात हुई थी। वहीं से दोस्ती हो गई। रक्षपाल की योजना पर राजीव ने ही अपने जानने वाले से फर्जी विरासत बनवाई थी। उनके तीसरे दोस्त से कई बार हादसे के नाम पर बाबा की हत्या की योजना बनी थी लेकिन सफल नहीं हो सकी। पुलिस के अनुसार हत्या के बाद रक्षपाल ने फोन पर भी अपने साथी को जानकारी दी थी।

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